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Ater Mahotsava 2022: फरवरी में होगा आयोजन, 3 दिन तक चलेंगे रंगारंग कार्यक्रम, बदलेगी चंबल की तस्वीर

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Published : Nov 24, 2021, 4:44 PM IST

tourism in bhind ater mahotsava 2022
अटेर महोत्सव का आयोजन ()

भिंड (Bhind News) जिला मध्य प्रदेश के पिछड़े जिलों में गिना जाता है, लेकिन इस क्षेत्र में पर्यटन की तमाम संभावनाएं हैं. पर्यटन संपदा से अभिभूत भिंड में हजारों साल पुराने मंदिर हैं. यह जिला नदियों से घिरा है, चम्बल के बीहड़ और महाभारत काल से भी इसका नाता जुड़ा हुआ है. लेकिन बीहड़ इलाका होने की वजह से यहां पर्यटकों के लिए सुविधाओं का आभाव है (Tourism in Bhind). पर्यटन विभाग की ओर से टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अटेर महोत्सव (Ater Mahotsava 2022) का आयोजन प्रस्तावित किया गया है.

भिंड (Bhind News)।डकैत, अपराध और बीहड़ के नाम पर जिस चम्बल का खौफ आज भी लोगों के जेहन में है. उस क्षेत्र की बदली तस्वीर और पर्यटन सम्पदाओं से देश को रूबरू कराने के लिए भिंड में 'अटेर महोत्सव' का आयोजन किया जा रहा है. 3 दिनों तक चलने वाला यह महोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम, क्षेत्रीय संस्कृति, वॉटर स्पोर्ट्स और पुरातनकाल से भरी ऐतिहासिक धरोहरों और साम्राज्य से पर्यटकों को अवगत कराएगा. किस तरह आयोजित होगा यह महोत्सव, क्या रहेगा खास, कैसी होगी इसकी रूपरेखा ? यह जानिए ETV भारत की इस खास रिपोर्ट में...

फरवरी में होगा 'अटेर महोत्सव'
भिंड कलेक्टर से मिली जानकारी के अनुसार, अटेर महोत्सव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. यह महोत्सव फरवरी 2022 में अटेर क्षेत्र में आयोजित किए जाने का प्लान है (Ater Mahotsava 2022). यह कार्यक्रम 3 दिवसीय होगा. जिसमें कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा. जिसमें पर्यटकों के साथ भिंड के स्थानीय लोग, राजनीतिक और कई जानी-मानी हस्तियां शामिल होंगी. इस महोत्सव का आयोजन चंबल नदी के पास होगा. जहां अटेर किले की खूबसूरती और चंबल की शालीनता दोनों ही नजारे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेंगे (Tourism in Bhind).

पर्यटन को मिलेगी पहचान

पर्यटन के साथ मनोरंजन से भरपूर होगा महोत्सव
इस तीन दिवसीय आयोजन का शुभारंभ चंबल नदी की आरती या पुष्प अर्पित करने के साथ किया जाएगा. चूंकि यह आयोजन अटेर क्षेत्र में किया जा रहा है. ऐसे में अटेर के देवगिरि दुर्ग और इसके प्रशासकों और साम्राज्य का इतिहास बताया जाएगा. इसके अलावा अटेर क्षेत्र को विकसित करने के लिए किए जा रहे विकासकार्यों के बारे में भी बताया जाएगा. सम्मान समारोह और स्थानीय के साथ बाहर से बुलाए गए कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी आयोजित होंगी. मंचीय कार्यक्रमों के साथ प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी.

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कार्यक्रम चंबल नदी के किनारे आयोजन होने से यहां वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियां, स्थानीय खेलों का प्रदर्शन, ऑर्केस्ट्रा और कवि सम्मेलन जैसे आयोजन होंगे. जिनसे पर्यटक और समारोह में शामिल हुए लोगों का मनोरंजन किया जा सके. यह कार्यक्रम सुबह से लेकर रात तक चलेंगे. अटेर महोत्सव में शामिल होने वाले लोगों के लिए नाईट-स्टे की भी व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जा रही है.

कार्यक्रम की तैयारी

आने वाले समय में तय होगी फाइनल रूपरेखा
भिंड कलेक्टर ने बताया कि इस पूरे इवेंट के लिए अभी प्रारंभिक तौर पर एक बैठक हुई है. जिसमें कई व्यवस्थाएं करने को लेकर चर्चा की गई है. हालांकि उन्होंने कहा कि जिले के विधायक और मंत्रीगण के साथ बैठक होने के बाद ही प्लानिंग फाइनल होगी. लेकिन उससे पहले तीन समितियों का गठन किया जा रहा है. जिनमें दिन के कार्यक्रमों की अध्यक्षता अपर कलेक्टर करेंगे. वहीं शाम के मंचीय कार्यक्रमों की अध्यक्षता का जिम्मा जिला पंचायत सीईओ को सौंपा जा रहा है. एक अन्य समिति पहले से जिले की बनी हुई है. सरपंचों और अधिकारियों की यह समिति इन आयोजनों के लिए जिम्मेदार होगी.

महोत्सव के नाम में हो सकता है बदलाव
इस सबके बीच एक और बात सामने आ रही है. अभी अटेर महोत्सव के आयोजन के लिए हरी झंडी मात्र मिली है. लेकिन इसके बदलाव की भी उम्मीद लग रही है. प्रारंभिक तौर पर इस कार्यक्रम को अटेर महोत्सव के नाम से आयोजित किया जा रहा है. लेकिन खुद कलेक्टर ने बातचीत के दौरान इस कार्यक्रम को चंबल महोत्सव के नाम से भी संबोधित किया. ऐसे में कहीं न कहीं इसके नाम में बदलाव की संभावना भी नजर आ रही है.

कलेक्टर ने दी जानकारी

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भविष्य के लिए बनानी होंगी व्यवस्थाएं
अटेर महोत्सव के आयोजन से निश्चित ही भिंड को पर्यटन क्षेत्र में पहचान मिलेगी, लेकिन इस क्षेत्र में पर्यटन के लिए सबसे जरूरी सुविधाओं में ट्रांसपोर्टेशन और सुरक्षा की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करना भी है. इसके लिए जिला और पुलिस प्रशासन को काम करना पड़ेगा. क्योंकि वर्तमान में मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर बसा अटेर क्षेत्र पूरी तरह बीहड़ से गुजरता है और पर्यटकों की आवाजाही के लिए साधन आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाते है. आने वाले समय मे अटेर में चम्बल नदी पर बनाए जा रहे पुल की शुरुआत होने बाद यहां से उत्तरप्रदेश के आगरा से दिल्ली तक सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी तो पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ेगी (MP Tourism Department).

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