बालाघाट। अनुच्छेद 370 पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस आयोजन में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि हमें अब इंतजार है, उस दिन का जब पीओके में भी तिरंगा झंडा लहराएगा. साथ ही उन्होंने जम्मू और कश्मीर को भारत का हिस्सा बन जाने पर खुशी जाहिर की हैं.
अब इंतजार है उस दिन का जब पीओके में भी तिरंगा लहराएगा: प्रहलाद पटेल
राष्ट्रीय विचार मंच द्वारा अनुच्छेद 370 पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल शामिल हुए, वहीं पीओके पर जल्द ही तिरंगा फहराए जाने की बात कही.
राष्ट्रीय विचार मंच द्वारा अनुच्छेद 370 पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल शामिल हुए. वहीं इस आयोजन में अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा की 5 अगस्त का दिन देश में 15 अगस्त की तरह है. इस दिन सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35 A हटाकर ऐतिहासिक फैसला लिया है. इसके बाद जम्मू और कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया है. 370 पर सवाल उठाने वाले नेताओं को जवाब देते हुए प्रहलाद पटेल ने कहा कि बंटवारे के बाद भारत आए बहुत से लोगों को नागरिकता दे दी गई वहीं कुछ लोगों को अब तक नागरिकता नहीं दी गई है. वहीं विरोधी लोग यहां आकर विधायक बन गए है और गुरुद्वारे की सेवा करने आए लोग इतने सालों बाद भी नौकरी को तरस रहे हैं.
फारूक अब्दुल्ला की गिरफ्तारी पर सवाल उठा रहे विपक्षी दल के नेताओं से उन्होंने कहा कि उनकी गिरफ्तारी बीजेपी द्वारा बनाये गए किसी कानून के तहत नहीं बल्कि उन्हीं के पिता शेख अब्दुल्ला द्वारा बनाये गए कानून के अनुसार की गई है.
बालाघाट - बालाघाट में अनुच्छेद 370 पर आयोजित कार्यशाला में शामिल होने आए केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलादसिंह पटेल ने कहा कि अब हमारी नजर पीओके पर है । इंतजार उस दिन का है जब पीओके में भी तिरंगा झंडा लहराएगा ।
Body:अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रीय विचार मंच द्वारा आयोजित कार्यशाला में पर्यटन तथा संस्कृति केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलादसिंह पटेल ने जनता के सामने अपने विचार रखते हुए कहा कि 5 अगस्त 2019 का दिन हमारे लिए 15 अगस्त के दिवस जैसा था । इस दिन हमारी सरकार ने जम्मू - कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाकर जे एंड के को पूर्ण रूप से भारत से जोड़ दिया था । तत्कालिन कश्मीर सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए कहा कि जो लोग जेएंडके से 370 हटने पर सवाल उठा रहे हैं उनसे पूछना चाहता हूं कि बंटवारे के बाद जो हिन्दू पाकिस्तान से आकर जम्मू में बस गए थे उन्हें आज तक वहां की नागरिकता नहीं मिली है और जो पख्तून मुसलमान आये उन्हें नागरिकता मिल गई और वे विधायक बन गए । सिक्ख समुदाय के गुरु ने आदेश देकर कश्मीर भेजा था कि जो वहां के पवित्र स्थल टूटना नहीं चाहिए, तो हजारों की संख्या में सिक्ख लोग घाटी में गए थे तब उन्हें भी वहां की नागरिकता नहीं दी गई थी । वो 42 साल के बाद आपके बच्चे सिर्फ स्वीपर बन सकते हैं इसके अलावा और कोई काम नहीं कर सकते ।
Conclusion:विपक्षी दल के लोग फारूक अब्दुल्ला की गिरफ्तारी पर सवाल उठा रहे हैं जबकि उनकी गिरफ्तारी भाजपा द्वारा बनाये गए किसी कानून के तहत नहीं अपितु उन्हीं के पिता शेख अब्दुल्ला द्वारा बनाये गए कानून के अनुसार की गई है । 5 अगस्त से पहले भारत देश के 70 ऐसे कानून थे जो जेएंडके पर लागू नहीं होते थे ।
बाइट - प्रह्लाद सिंह पटेल (केंद्रीय राज्य मंत्री, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय)
श्रीनिवास चौधरी ईटीवी भारत बालाघाट