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मुख्यमंत्री के रीवा आगमन से पहले तेज हुई विंध्य प्रदेश की मांग

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Published : Jan 25, 2021, 3:40 AM IST

मुख्यमंत्री का दो दिवसीय रीवा दौरा होना है, इससे पहले क्षेत्र में उठ रही अलग विंध्य प्रदेश की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है. पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर विंध्य वासियों की मांग नहीं मानी गई तो क्षेत्र की जनता शांत नहीं रहेगी.

Demand of Vindhya Pradesh intensified before Chief Minister arrival in Rewa
पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी

रीवा। मुख्यमंत्री का दो दिवसीय रीवा दौरा होना है, इससे पहले क्षेत्र में उठ रही अलग विंध्य प्रदेश की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है. मऊगंज विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर विंध्य वासियों की मांग नहीं मानी गई तो क्षेत्र की जनता शांत नहीं रहेगी. लक्ष्मण तिवारी ने पुनः विंध्य प्रदेश बनाए जाने की मांग को बुलंदी के साथ उठाते हुए रीवा में प्रदेश स्तरीय कार्यालयों की मांग की है.

पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी

प्रदेश के मैहर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के द्वारा किए गए पृथक विंध्य प्रदेश की मांग के बाद अब राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. जिसके तहत अब विंध्य क्षेत्र की आम जनमानस विंध्य को प्रदेश बनाए जाने के लिए मुखर होती दिखाई दे रही है.

पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी का कहना है कि अब मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के द्वारा पृथक विंध्य प्रदेश की मांग उठाने के बाद उनकी मांग को मजबूती मिली है तथा नारायण त्रिपाठी स्वयं अब उनके साथ मिलकर पृथक विंध्य प्रदेश की मांग को तेज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के अलावा विंध्य क्षेत्र से आने वाले सत्ता दल के करीब 10 विधायक उनकी इस लड़ाई में साथ हैं.

बता दें 1 नवंबर 1956 को विंध्य प्रदेश का विलय मध्यप्रदेश में कर दिया गया था, जिसके बाद से लगातार विंध्य को प्रदेश बनाए जाने की मांग होती रही. इसी के तहत विगत लंबे समय से मऊगंज विधानसभा क्षेत्र से पूर्व भाजपा विधायक लक्ष्मण तिवारी ने भी विंध्य को प्रदेश बनाए जाने की लड़ाई लड़ी है.

पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने कहा कि विंध्य क्षेत्र मध्य प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला क्षेत्र है. ऐसे में विंध्य क्षेत्र को प्रदेश बनाने में विलंब नहीं करना चाहिए. इसके अतिरिक्त तिवारी ने कहा कि रीवा मुख्यालय को प्रदेश स्तरीय कुछ बड़े विभागों का कार्यालय भी देना चाहिए, क्योंकि विंध्य प्रदेश के विलय के बावजूद रीवा में कृषि सहित कुछ बड़े विभागों के मुख्यालय बनाए गए थे परंतु समय के साथ-साथ उन्हें तोड़ दिया गया.

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