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MP Panchayat Election: पंचायत उम्मीदवार कर रहे विकास के दावे, आजादी के 75 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंछित ग्रामीण

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Published : Jun 13, 2022, 9:10 AM IST

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का रंग लोगों में अब धीरे धीरे चढ़ने लगा है. शहर से सटी पंचायतों में इसका असर दिखाई देने लगा है. पंचायत उम्मीदवार जहां अपने-अपने स्तर पर विकास के दावे कर रहे हैं, तो वहीं पिछले कार्यकाल में किए गए कार्यों में हुए घोटाले की पोल भी उम्मीदवार खोल रहे हैं. (Jabalpur Villagers deprived of basic facilities) आलम यह है कि, आजादी के 75 साल बाद भी जबलपुर में कई ऐसे गांव हैं, जहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंछित हैं.

MP Panchayat Election
एमपी पंचायत चुनाव

जबलपुर।पंचायत चुनाव का (panchayat election mp) असर गांव की गलियों में दिखने लगा है. पंचायत उम्मीदवार अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. जीतने के बाद विकास करने की बात कर रहे हैं. शहर से लगी ग्राम पंचायत सूखाडीह पंचायत में तकरीबन 1645 मतदाता अपनी पंचायत के सरपंच के भाग्य का फैसला करते हैं, (Jabalpur Villagers Claims) लेकिन इस पंचायत में पिछले कार्यकाल में विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ.

आजादी के 75 साल भी विकास के दावे फेल

ग्रामीणों को लुभाने की कोशिश: पानी बिजली और सड़क की समस्या गांव में आज भी बरकरार है. शासन की महती नल जल योजना किसी काम की नहीं है. पानी की टंकी शो पीस बनकर खड़ी है. गांव में एक हैंडपंप है इसमें सुबह से शाम तक गांव के लोगों का जमावड़ा लगा रहता है. बरसात के दिन गांव की गलियां कीचड़ से सराबोर रहती हैं. लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है. अब गांव में सरपंच पद के उम्मीदवार ग्रामीणों को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं. सभी का जनता से यही दावा है कि जीत हुई तो सभी समस्याओं से ग्रामीणों को छुटकारा मिल जाएगा.

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नहीं मिली समस्या से निजात: ग्रामीणों को कहना है कि, पूर्व सरपंच ने अपने कार्यकाल में कोई विकास नहीं किया. पानी, बिजली, सड़क और नाली की समस्या गांव में कई वर्षों से जस की तस बनी है. इस पंचायत में कितना विकास कार्य हुआ है. तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा है. अब ग्रामवासियों को विकास के लिए सरपंच को चुनने का मौका है, लेकिन इस महासंग्राम में यह देखना दिलचस्प होगा कि, ग्रामीणों का मत किस प्रत्याशी पर भारी पड़ेगा और किसकी जीत होगी.

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