जबलपुर। मध्य प्रदेश की अदालतों में 53 हजार से अधिक लंबित व मुकदमा पूर्व प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिये निराकृत कर दिए गए. इस प्रक्रिया में डेढ़ अरब से अधिक का मुआवजा वितरण हुआ है. इस तरह सहज, सुलभ व त्वरित न्यायदान का कीर्तिमान रच दिया गया. यह जानकारी मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव राजीव कर्महे ने दी है. उन्होंने बताया कि शनिवार को सुबह से शाम तक मैराथन सुनवाई हुई. इसके लिए हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर व खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर में कुल 12 न्यायपीठों का गठन किया गया था. जबकि अधीनस्थ अदालतों में न्यायपीठों की संख्या 1301 थी. इस तरह कुल 1313 न्यायपीठों में परस्पर सहमति से विवाद हल करने की समझाइश दी गई. (Cases Resolved in National Lok Adalat)
एक अरब से ज्यादा का मुआवजा वितरित: मुकदमा पूर्व यानी प्री-लिटिगेशन के 3 लाख 11 हजार 870 मामले रखे गए थे. जिनमें से 29 हजार से अधिक निराकृत हो गए. इस प्रक्रिया में 22 करोड़ से अधिक का अवार्ड पारित हुआ. जबकि न्यायालयों द्वारा रेफर लंबित मामलों की कुल संख्या एक लाख 90 हजार 919 थी. जिनमें से 24 हजार से अधिक मामले निराकृत करते हुए एक अरब, 39 लाख से अधिक का मुआवजा वितरित किया गया. इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौते के माध्यम से विवाद हल करने की मंशा से कुल 5 लाख 2 हजार 789 मामले सूचीबद्ध हुए थे. जिनमें से 53 हजार 857 से अधिक में समझौता हो गया. मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव राजीव कर्महे ने बताया कि संपूर्ण प्रदेश से आंकड़े निरंतर प्राप्त हो रहे हैं. इसमें काफी बेहतर रिपोर्ट कार्ड सामने आया है.