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Know Indian Constitution: बहुत कुछ कहता है यह संविधान! मूल प्रति के इस भाग पर विराजमान हैं भगवान श्रीराम

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Published : Jan 25, 2022, 1:28 PM IST

Indian Constitution

भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था (Know Indian Constitution). जहां इस साल देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. इस खास मौके पर आपको बता दें कि, ठेठ प्राचीन रंगों और प्राकृतिक रूप से तैयार कागज से निर्मित संविधान की शुरुआत में ही भगवान श्री राम, सीता और लक्ष्मण का सशस्त्र और कलात्मक चित्र है. जानें यह चित्र कहां अंकित है. (constitution lord shriram pictures)

इंदौर। जहां साल 2022 में देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, वहीं इसी भारतीय गणतंत्र की नायाब धरोहर है संविधान. संविधान जिसकी चुनिंदा प्रतियां देश के अलग-अलग स्थानों पर रखी गई हैं, जिसमें से सबसे खास प्रति देवी अहिल्या पुस्तकालय में रखी गई है. संविधान के भाग-03 में नागरिकों को दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लेख है. ठेठ प्राचीन रंगों और प्राकृतिक रूप से तैयार कागज से निर्मित संविधान की इस एकमात्र प्रति पर महापुरुषों और संविधान समिति के सदस्यों के मूल हस्ताक्षर भी हैं.
कहां विराजे हैं श्रीराम?

संविधान की शुरुआत में ही भगवान श्री राम, सीता और लक्ष्मण का सशस्त्र और कलात्मक चित्र है,(constitution lord shriram pictures) जो हर नागरिक को स्वतंत्र रूप से जीवन जीने का अधिकार देता है. जहां संविधान में मौलिक अधिकार अंकित है वहीं पर विराजित हैं भगवान श्रीराम. अन्याय और असत्य के विरुद्ध सत्य की शक्ति के भाव को मूल रूप से दर्शाने के लिए संविधान समिति ने पुस्तक संयोजन के दौरान देश के जननायक क्षणों और कथानक को चुना. उनमें भगवान श्री राम के कथानक का उल्लेख सबसे पहले है. (pictures on fundamental rights section) भगवान राम के अलावा गौतम बुद्ध, अमर सेनानी, सुभाष चंद्र बोस, महारानी लक्ष्मी बाई, टीपू सुल्तान और नागरिकता सहित समाजीकरण को मूल चित्रों के रूप में संविधान की भावना के अनुरूप समायोजित किया गया है.

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दरअसल, संविधान समिति ने नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को भारतीय जनमानस में बसी कहानियों, परंपराओं और महापुरुषों के साथ घटी घटनाओं को संविधान की मूल भावनाओं से जोड़ा है. इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से बुलाए गए चित्रों को संकलित किया गया. संविधान की मूल प्रतियों में यह चित्र आज भी अपना एक अलग महत्व और अस्तित्व बनाए हुए हैं.

यह हैं संविधान की विशेषताएं (Know Indian Constitution)

संविधान किसी भी देश का मौलिक कानून है, जो देश के विभिन्न अंगों की रूपरेखा और मुख्य कार्य का निर्धारण करता है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद, भाग और अनुसूचियों में लिखा गया है कि यह धर्मनिरपेक्ष, राज्य संघवाद, संसदीय सरकार की खूबियों को दर्शाता है. भारतीय संविधान दुनिया का सबसे विस्तृत लिखित संविधान है. भारतीय संविधान के रचयिता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने ब्रिटेन, अमेरिका, यूएसएसआर, ऑस्ट्रेलिया, जापान, जर्मनी, कनाडा और आयरलैंड से संविधान की विशेषताएं समायोजित की. इस संविधान में सभी धर्मों को देश के समान, संरक्षण और समर्थन की श्रेणी में लाया गया है. इसके अलावा एकल नागरिकता देने वाला एकलौता भारतीय संविधान है, जो देश के किसी भी राज्य के वासी होने पर भेदभाव नहीं करता. भारत में किसी भी व्यक्ति को देश के किसी भी हिस्से में जाने और भारत की सीमा के भीतर कहीं भी रहने का अधिकार है.

संविधान में दिए गए हैं ये मौलिक अधिकार (Indian Constitution Fundamental Rights)

  • समता या समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से अनुच्छेद 18 तक)
  • स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22 तक)
  • शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 से 24 तक)
  • धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से 28 तक)
  • संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29 से 30 तक)
  • संवैधानिक अधिकार (अनुच्छेद 32)

जबलपुर के कलाकार ने उकेरी थीं पहले पन्ने पर कलाकृतियां

जबलपुर के कलाकार राम मनोहर सिन्हा ने संविधान के पहले पेज की ड्राइंग तैयार की थी.कलाकृतियां बनाने में माहिर राम मनोहर सिन्हा को ये काम कैसे मिला इसकी कहानी भी रोचक है. दुनिया के सबसे बड़े संविधान को बनाने के लिए कुछ ऐसा किया जाना था कि उसकी झलक सबसे अलग हो. स्वतंत्रता के ठीक बाद कला के क्षेत्र में सबसे अच्छा काम शांति निकेतन में चल रहा था. इसलिए शांति निकेतन के प्रमुख नंदलाल बोस को संविधान को चित्रित करने का काम दिया गया. नंदलाल बोस ने संविधान के प्रमुख पृष्ठ के निर्माण की जिम्मेदारी अपने काबिल शिष्य राम मनोहर सिन्हा को सौंपी.

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