ग्वालियर। शहर में एक ऐसा भी शिव मंदिर है जो पूरी तरह से रुद्राक्षों से बना हुआ है. मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन मात्र से ही भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है. शिवरात्रि पर रुद्राक्ष शिव के दर्शन करने के लिए भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं.
दरअसल जिंसी मार्ग पर ऊंट पुल के नजदीक प्राचीन शिव मंदिर है, जिसकी खास बात ये है कि पूरा शिव परिवार रुद्राक्ष से बनाया गया है. यहां के दिवंगत पुजारी किशोर शर्मा ने शिव लिंग, भगवान गणेश, नंदी, मां पार्वती सहित सभी को रुद्राक्ष के मोतियों से सजाया था. वह पूरे मंदिर को रुद्राक्ष के मोतियों से सजा कर उसे अलग रूप देना चाहते थे, लेकिन दो साल पहले उनके निधन के बाद केवल शिव परिवार ही रुद्राक्ष के मोतियों से बनाया जा सका है.
भक्तों का कहना है कि पंडित जी ने भगवान शिव से रुद्राक्ष का विशेष जुड़ाव होने के कारण देश-विदेश से रुद्राक्ष लाकर सजाये हैं. भक्त बताते हैं कि शिवरात्रि पर मंदिर के दर्शन से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है. शिवरात्रि पर मंदिर में सुबह भगवान शिव का अभिषेक किया गया, जिसके बाद दिन भर भक्तों का तांता लगा रहा.
शहर में एक ऐसा भी शिव मंदिर है जो पूरी तरह रुद्राक्ष की मोतियों से बना है ।इस अनोखे शिव मंदिर की विशेषता है कि यह आने वालों की हर मनोकामना पूरी होती है। शिवरात्रि पर रुद्राक्ष शिव मंदिर के दर्शन मात्र से भक्तों का कल्याण होता है।
Body:दरअसल शहर के जिंसी मार्ग पर ऊंट पुल के नजदीक प्राचीन शिव मंदिर है। कहने को मंदिर ज्यादा पुराना नहीं है लेकिन इससे मंदिर की खास बात यह है कि पूरा शिव परिवार रुद्राक्ष के मोतियों से बनाया गया है। यहां के दिवंगत पुजारी किशोर शर्मा ने शिव लिंग भगवान गणेश नंदी पार्वती मां सहित सभी को रुद्राक्ष के मोतियों से सजाया था। वह पूरे मंदिर को रुद्राक्ष के मोतियों से सजा कर उसे अलग रूप देना चाहते थे ।लेकिन 2 साल पहले उनके निधन के बाद केवल शिव परिवार ही रुद्राक्ष के मोतियों से बनाए जा सका है।
Conclusion:मंदिर में कई सालों से आने वाले लोग बताते हैं कि पंडित जी ने भगवान शिव से रुद्राक्ष का विशेष जुड़ाव होने के कारण देश विदेश से रुद्राक्ष लाकर इससे परिवार को सजाया है। भक्त बताते हैं कि शिवरात्रि पर मंदिर के दर्शन से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर में सुबह भगवान शिव का अभिषेक किया गया उसके बाद दिन भर भक्तों का आना जाना लगा हुआ है।
बाइट धर्मवीर श्रद्धालु
राजेंद्र कुमार श्रद्धालु