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एमपी में उपचुनाव को लेकर BJP में घमासान, जानिए क्या चल रहा है अंदरखाने

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Published : Sep 24, 2021, 7:54 PM IST

MP BJP में उपचुनाव के उम्मीदवारों व कई जिला अध्यक्षों के अलावा निगम मंडलों में नियुक्तियों को लेकर मंथन का दौर जारी है. राजधानी में भाजपा के तमाम बड़े नेताओं की एक बैठक हुई, जिसमें नियुक्ति पर चर्चा हुई. पार्टी के लिए बड़ी चुनौती कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को स्थान देने की है. क्योंकि सिंधिया समर्थकों को स्थान देने से भाजपा के समर्पित और पुराने कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियों से दूर रखा जा सकता है, इसलिए पार्टी ऐसा रास्ता निकालना चाहती है जिससे किसी तरह का असंतोष न पनपे.

Ruckus in BJP over by-election in MP
एमपी में उपचुनाव को लेकर BJP में घमासान

भोपाल। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी वर्तमान में मंथन के दौर से गुजर रही है. सत्ता और संगठन में जहां आगामी समय में होने वाले तीन विधानसभा क्षेत्र और एक लोकसभा क्षेत्र के उपचुनाव के उम्मीदवारों व कई जिला अध्यक्षों के अलावा निगम मंडलों में नियुक्तियों को लेकर मंथन का दौर जारी है. राज्य में आगामी समय में तीन विधानसभा क्षेत्र रैगांव, पृथ्वीपुर और जोबट के साथ ही खंडवा लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने वाले हैं. यह उप-चुनाव चारों स्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के निधन के कारण हो रहे हैं. जिन स्थानों पर चुनाव होना है उनमें से एक विधानसभा रैगांव और खंडवा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार निर्वाचित हुआ था, वहीं अन्य दो स्थान पृथ्वीपुर और जोबट कांग्रेस के कब्जे में थे. इस तरह भाजपा के लिए चारों स्थानों पर जीत किसी चुनौती से कम नहीं है.

बूथ स्तर पर बैठकों का सिलसिला शुरू

भाजपा ने एक तरफ जहां उप-चुनाव वाले क्षेत्रों के लिए संगठन और सत्ता के प्रतिनिधियों की तैनाती कर दी है तो वहीं बूथ स्तर पर बैठकों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है. उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर प्रदेश के प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत व सह संगठन महामंत्री हितानंद सक्रिय हैं. इन नेताओं के अधिकांश हिस्सों में दौरे भी हो चुके हैं. राजधानी में भाजपा के तमाम बड़े नेताओं की एक बैठक हुई, जिसमें उपचुनाव के अलावा कई जिलों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के अलावा निगम मंडलों में नियुक्ति पर चर्चा हुई. पार्टी के लिए बड़ी चुनौती कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को स्थान देने की है. क्योंकि सिंधिया समर्थकों को स्थान देने से भाजपा के समर्पित और पुराने कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियों से दूर रखा जा सकता है, इसलिए पार्टी ऐसा रास्ता निकालना चाहती है जिससे किसी तरह का असंतोष न पनपे.

फूंक-फूंक कर बढ़ाए जा रहे कदम

सत्ता और संगठन की बैठक से पहले भी कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं और समन्वय के साथ बेहतर और समर्पित लोगों को जिम्मेदारी देने को लेकर फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाए जा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि दावेदारों की संख्या पदों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. भाजपा के सूत्रों की मानें तो सत्ता और संगठन ने मिलकर उप-चुनाव के उम्मीदवारों के नामों का पैनल तैयार कर लिया है, वहीं जिलाध्यक्षों के अलावा निगम मंडलों के नाम भी लगभग तय कर लिए हैं. यह सूचियां पार्टी नेतृत्व को भेजी जाएंगी, वहां से हरी झंडी मिलने के बाद ऐलान हो सकेगा.

सूत्रों की मानें तो आगामी दिनों में मुख्यमंत्री चौहान का दिल्ली दौरा हो सकता है, इससे पहले भी हाल ही में सीएम चौहान के दौरे हो चुके हैं. इन प्रवासों के दौरान मुख्यमंत्री की पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा के अलावा केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात हुई. अब एक बार फिर दिल्ली दौरा है जिसे सियासी तौर पर अहम माना जा रहा है.

इनपुट - आईएएनएस

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