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OBC वर्ग को जागरुक करने मैदान में उतरी महासभा, जितनी आबादी उतनी हिस्सेदारी की उठी मांग

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Published : Mar 4, 2022, 3:34 PM IST

मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर ओबीसी महासभा भी मैदान में उतर गई है. शुक्रवार को भोपाल से एक जन जागरण यात्रा शुरू की है. उन्होंने मांग की है जितनी आबादी उतनी हिस्सेदारी ओबीसी वर्ग को मिले. (Politics of credit on OBC reservation in MP)

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ओबीसी महासभा की जन जागरण यात्रा

भोपाल।मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर गर्माई सियासत के बीच ओबीसी महासभा भी ताल ठोक रही है. दूसरी तरफ भाजपा और कांग्रेस दोनों एक दूसरे को पिछड़ा वर्ग विरोधी और खुद को इस वर्ग का हितैषी बताने में जुटे हुए हैं. इसी बात को लेकर अब ओबीसी महासभापिछड़ा वर्ग के लोगों को जागरूक करने के लिए मैदान में उतर गई है. महासभा ने जितनी आबादी उतनी हिस्सेदारी की मांग उठाई है. इसे लेकर शुक्रवार को भोपाल से एक जन जागरण यात्रा शुरू की है.

ओबीसी महासभा ने शुरू की जन जागरण यात्रा

जितनी आबादी उतनी हिस्सेदारी
अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट तुलसीराम पटेल बताया कि ओबीसी महासभा देशभर में ओबीसी वर्ग को जोड़ने के लिए सदस्यता अभियान शुरू कर रही है, इसमें अधिक से अधिक लोगों को महासभा के साथ जोड़ा जाएगा. उन्होंने मांग की है जितनी आबादी उतनी हिस्सेदारी ओबीसी वर्ग को मिले. प्रदेश में करीब 52 आबादी ओबीसी की है, इस लिहाज से लोकसभा, विधानसभा नगरीय निकाय पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को संविधान के अनुसार आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए.

ओबीसी के हितों की बात करने वालों का देंगे साथ
तुलसीराम पटेल ने कहा कि हमारा संगठन राजनीतिक संगठन नहीं है, ऐसे में ओबीसी के हितों की लड़ाई में जो हमारा साथ देगा, हितों और अधिकारों की बात करेगा, हम आने वाले चुनाव में उसका साथ देंगे. हालांकि उन्होंने आगामी चुनाव में कांग्रेस या बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर अभी अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है.

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ओबीसी वर्ग को साधने की कवायद
मध्यप्रदेश में सियासी दलों ने एक बार फिर से ओबीसी वर्ग को साधने की कवायद शुरू कर दी है. ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही अपना-अपना दावा कर रहे हैं. बीजेपी का कहना है कि उनकी पार्टी के ही चलते ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण मिला है, वहीं कांग्रेस का दावा है कि कमलनाथ की कोशिशों के चलते ही उन्हें आरक्षण का लाभ मिला है. एमपी अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी की अधिकतम आबादी वाला राज्य है. यहां 52 फीसदी मतदाता इसी वर्ग से आते हैं. चुनावों में इनका 120 सीटों से ज्यादा प्रभाव है. इसलिए यह वर्ग राजनीति में अहम मना जाता है, वैसे भी अगले साल 2023 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं इसलिए पार्टियां अभी से ओबीसी वर्ग को अपने पाले में बनाए रखने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं.

(MP mission 2023) (OBC Mahasabha started Jan Jagran Yatra)

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