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चाईबासा पुलिस को मिली बड़ी सफलता, हार्डकोर नक्सली का खास सहयोगी गिरफ्तार

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Published : Sep 26, 2019, 5:03 PM IST

चाईबासा पुलिस ने भाकपा माओवादी दस्ते के सदस्य और हार्डकोर नक्सली जीवन कांडुलना के खास सहयोगी करण सिंह मुंडा उर्फ करम सिंह मुंडा उर्फ जगदीश को गिरफतार कर किया है. यह बिना हथियार के ही क्षेत्र में भ्रमण किया करता था और विकास कार्यों की गतिविधि के साथ-साथ संवेदकों के नंबर आदि की पूरी जानकारी माओवादियों को दिया करता था.

हार्डकोर नक्सली का खास सहयोगी गिरफ्तार

चाईबासा:पश्चिम सिंहभूम जिला पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने भाकपा माओवादी दस्ते के सदस्य और हार्डकोर नक्सली जीवन कांडुलना के खास सहयोगी करण सिंह मुंडा उर्फ करम सिंह मुंडा उर्फ जगदीश को पुलिस ने गिरफतार कर लिया है. उसके पास से एक बाइक और माबाइल भी बरामद किया है.

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सूचना पाकर पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महाथा ने थाना प्रभारी चक्रधरपुर सोनुआ और 7 बटालियन के जवानों की संयुक्त टीम बनाई और सूचना के आधार पर तत्काल चक्रधरपुर क्षेत्र में छापेमारी अभियान चलाने का आदेश दिया. इस छापेमारी के दौरान भाकपा माओवादी के सक्रिय सदस्य करण सिंह मुंडा उर्फ करम सिंह मुंडा को चक्रधरपुर स्थित अनुमंडल अस्पताल के सामने से दबोचा गया.

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नक्सली दस्ते को देता था पूरी जानकारी
करण सिंह मुंडा भाकपा माओवादी के सक्रिय सदस्यों के साथ रहने के साथ-साथ चक्रधरपुर, सोनुआ, गोइलकेरा, गुदड़ी, टेबो और बंदगांव थाना क्षेत्र में भ्रमण कर के ठेकेदारों के बारे में जानकारी इकट्ठा करके इसकी सूचना जीवन कंडोला के दस्ते को दिया करता था, साथ ही लेवी वसूलने और लेवी नहीं दिए जाने पर विकास कार्य में लगे मशीनों को जलाने के साथ-साथ भाकपा माओवादी संगठन का दहशत क्षेत्र में बनाने को लेकर कई लोगों की निर्मम हत्या का काम किया करता था.

स्वीकारी अपनी संलिप्तता
पुलिस की ओर से पूछताछ किए जाने पर गिरफ्तार करण सिंह मुंडा ने भाकपा माओवादी संगठन के संगठन में सक्रिय रहने, विकास कार्यों में लगे वाहनों को जलाने और ठेकेदारों से वसूली करने को लेकर अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. पुलिस ने उसके पास से एक हीरो बाइक और मोबाइल बरामद किया है.

बिना हथियार के ही क्षेत्र में भ्रमण करता था करण सिंह
वहीं, पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महाथा ने बताया कि पुलिस के लिए करण सिंह मुंडा की गिरफ्तारी भाकपा माओवादियों के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है. यह बिना हथियार के ही क्षेत्र में भ्रमण किया करता था और विकास कार्यों की गतिविधि के साथ-साथ संवेदकों के नंबर आदि की पूरी जानकारी माओवादियों को दिया करता था.

Intro:चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम जिला पुलिस को बड़ी सफलता मिली है भाकपा माओवादी दस्ते के सदस्य एवं हार्डकोर नक्सली जीवन कांडुलना का खास सहयोगी करण सिंह मुंडा उर्फ करम सिंह मुंडा उर्फ जगदीश को जिले के चक्रधरपुर क्षेत्र में ब्राह्मण सील होने की गुप्त सूचना पुलिस अधीक्षक को मिली थी।


Body:सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी चक्रधरपुर सोनुआ एवं 7 बटालियन के जवानों की संयुक्त टीम बनाई और तत्काल सूचना के आधार पर चक्रधरपुर क्षेत्र में संगणना छापेमारी अभियान चलाने का आदेश दिया इस छापेमारी के दौरान भाकपा माओवादी के सक्रिय सदस्य करण सिंह मुंडा उर्फ कर्म सिंह मुंडा को चक्रधरपुर स्थित अनुमंडल अस्पताल के सामने से धर दबोचा गया।

नक्सली दस्ते को देता था पूरी जानकारी-
करण सिंह मुंडा भाकपा माओवादी के सक्रिय सदस्यों के साथ रहने के साथ-साथ चक्रधरपुर, सोनुआ, गोइलकेरा, गुदड़ी, टेबो, बंदगांव आदि थाना क्षेत्र में भ्रमण कर के ठेकेदारों के बारे में जानकारी इकट्ठा करके इसकी सूचना जीवन कंडोला के दस्ते को दिया करता था। साथ ही लेवी वसूलने और लेवी नहीं दिए जाने पर विकास कार्य में लगे मशीनों को जलाने, साथ-साथ भाकपा माओवादी संगठन का दहशत क्षेत्र में बनाने को लेकर कई लोगों की निर्मम हत्या आदि का काम किया करता था।

नक्सली सहयोगी ने स्वीकारी अपनी संलिप्तता-
पुलिस के द्वारा पूछताछ किए जाने पर गिरफ्तार करण सिंह मुंडा ने भाकपा माओवादी संगठन के सक्रिय रहने के साथ जिले में विकास कार्यों में लगे वाहनों एवं ठेकेदारों से वसूली करने को लेकर अपनी संलिप्तता भी स्वीकार कर ली है।

उसके पास से ये हुए बरामद -
पुलिस ने गिरफ्तार करण सिंह मुंडा के पास से एक हीरो होंडा स्प्लेंडर मोटरसाइकिल एवं मोबाइल बरामद किया है।

सहयोगी की गिरफ्तारी शीर्ष माओवादियों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण-
पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महाथा ने बताया कि पुलिस के लिए करण सिंह मुंडा की गिरफ्तारी भाकपा माओवादियों के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है यह बिना हथियार के ही क्षेत्र में भ्रमण किया करता था और विकास कार्यों की गतिविधि के साथ-साथ संवेदक को के नंबर आदि की पूरी जानकारी माओवादियों को दिया करता था।


Conclusion:

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