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विवादों में घिरे चान्हो के औद्योगिक पार्क का क्या है स्टेटस, सीएम के नाम पत्थर खदान पर क्या बोले प्रार्थी के वकील?

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Published : Apr 26, 2022, 6:24 PM IST

Updated : Apr 26, 2022, 8:28 PM IST

Advocate Rajiv Kumar, वकील राजीव कुमार

बीजेपी झारखडं की हेमंत सरकार को चारों तरफ से घेरने में लगी है. पार्टी की ओर से आए दिन सीएम और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और आय से अधिक संपत्ति के मामले चुनाव आयोग से लेकर झारखंड हाई कोर्ट तक पहुंच चुके हैं.

रांची: झारखंड की हेमंत सरकार पर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के ताबड़तोड़ हमले जारी हैं. आलम यह है कि सीएम और उनके परिवार से जुड़ा मामला अब राजभवन से लेकर चुनाव आयोग और झारखंड हाई कोर्ट तक जा पहुंचा है. इसी बीच 25 अप्रैल को रघुवर दास ने रांची के चान्हों में खोले जा रहे औद्योगिक पार्क को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस पार्क की 11 एकड़ जमीन मुख्यमंत्री की पत्नी की कंपनी सोहराय लाइव स्टॉक फार्म्स प्रा. लिमिडेट को दी गई है. इसके लिए कहीं न कहीं मुख्यमंत्री जिम्मेवार हैं क्योंकि उद्योग विभाग उन्हीं के पास है.

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जानकारी के मुताबिक सीएम के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और आय से अधिक संपत्ति को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में पीआईएल दायर करने वाले शिवशंकर शर्मा ने इस कंपनी समेत अन्य डिटेल के साथ सप्लीमेंटरी फाइल कर दी है. इस मसले पर ईटीवी भारत की टीम ने प्रार्थी के वकील राजीव कुमार से बात की. उनसे पूछा गया कि हेमंत सोरेन ने 2008 में ही पत्थर खदान लिया था. तब वह विधायक नहीं थे. फिर उसी खदान को नये सीरे से लीज पर लेने की बात क्यों की जा रही है. उनसे पूछा गया कि पिछले दिनों महाधिवक्ता ने कहा था कि 2013 में भी सीएम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति को लेकर पीआईएल दायर हुआ था, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था. साथ ही प्रार्थी पर जुर्माना भी लगाया गया था. ऐसे में उसी मामले को नौ साल बाद नये सीरे से क्यों उठाया जा रहा है?

अधिवक्ता राजीव कुमार

इधर, सत्ताधारी दल का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने की साजिश का आरोप लगा चुका है. अब सवाल यह है कि रांची के चान्हो स्थित बरहे में किस मकसद से औद्योगिक पार्क की स्थापना की जा रही है. दरअसल, सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर नई औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 बनी थी. इसके जरिए राज्य में निवेश का वातावरण तैयार करना था. इसी मकसद से उद्योग विभाग रांची के चान्हो प्रखंड में फार्मा और खाद्य प्रसंस्करण पार्क विकसित कर रहा है.

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विभाग ने फार्मा पार्क निर्माण के लिए 35 एकड़ भूमि का चयन किया है. इसमें सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े फार्मा उद्योगों को आवंटन के लिए 55 भूखंड आरक्षित किए गये हैं. इन 55 भूखंडों में से 30 भूखंड सूक्ष्म फार्मा उद्योग के लिए, 14 भूखंड छोटी इकाइयों के लिए, 7 भूखंड मध्यम इकाइयों के लिए और 4 भूखंड बड़े फार्मा इकाइयों के लिए आरक्षित हैं. इस फार्मा पार्क में प्रशासनिक भवन, कैंटीन, यूटिलिटी सेंटर, ईटीपी, सड़क नेटवर्क, ड्रेनेज सिस्टम, पुल, स्ट्रीट लाइट सहित सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं मिलेंगी. इस एरिया में खाद्य प्रसंस्करण पार्क भी विकसित किया जा रहा है.

रघुवर दास का आरोप है कि इसी पार्क में सीएम की पत्नी की कंपनी को 11 एकड़ जमीन आवंटित कर दी गई है. आपको बता दें कि सोहराय लाइव स्टॉक फार्म्स प्रा.लिमिटेड नामक कंपनी 29 अगस्त 2020 को खोली गई थी. इसका पेड अप कैपिटल 15 लाख दिखाया गया है. इसकी डायरेक्टर कल्पना मुर्मू सोरेन और उनकी बहन सरला सोरेन हैं. कंपनी का पता है सोहराय भवन, प्लॉट नंबर 1975, ढेलाटोली, हरमू, रांची. अब सवाल यह है कि चान्हों में खाद्य प्रसंस्करण और फार्मा पार्क के रूप में चिन्हित शेष भूखंड किसको-किसको अलॉट किया गया है. इस सवाल का जवाब जानने के लिए उद्योग सचिव पूजा सिंघल से फोन पर संपर्क नहीं हो पाया. इधर, भाजपा के तमाम नेता सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं.

Last Updated :Apr 26, 2022, 8:28 PM IST

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