रांची: सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को डोरंडा कोषागार मामले में 5 साल की सजा सुनाई है. जिसके बाद यह तय हो गया है कि अभी कुछ दिन लालू को जेल में ही रहना होगा. लालू यादव के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने कहा कि अब फैसले के खिलाफ वो हाई कोर्ट में अपील करेंगे. वहीं उन्होंने कहा की जमानत के लिए भी कोर्ट में अर्जी देंगे. प्रभात कुमार ने कहा कि जमानत की प्रक्रिया पूरी करने में कम से कम डेढ़ से दो महीने का समय लगेगा. इससे ये स्पष्ट हो गया है कि लालू यादव को अभी कुछ दिन जेल में ही रहना होगा.
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चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के अवैध निकासी के मामले में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है. इससे पहले उन्हें 15 फरवरी को दोषी करार दिया गया था. लालू यादव को सीबीआई कोर्ट ने 5 साल की जेल और 60 लाख रुपए जुर्माना देने की सजा सुनाई गई है. लालू समेत चार दोषियों को अधिकतम 5 साल की सजा सुनाई गई है. इस मामले में कोर्ट ने न्यूनतम 2 लाख से लेकर अधिकतम दो करोड़ तक का जुर्माना लगाया है. डोरंडा कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने 40 दोषियों को सजा सुनाई है.
लालू यादव के अधिवक्ता प्रभात कुमार इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुबह 12 बजे सजा के बिंदु पर सुनवाई शुरू हुई. सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान अधिवक्ता प्रभात कुमार ने लालू यादव की खराब सेहत का दवाला देते हुए कम से कम सजा देने का आग्रह किया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई लालू यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर खुद देखा, इस दौरान वो रिम्स के पेइंग वार्ड में मौजूद थे. अन्य वकीलों ने भी अपने अपने मुअक्किलों को कम से कम सजा देने का आग्रह किया.
डोरंडा कोषागर से 139.35 करोड़ का घोटाला
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से जुड़ा यह पांचवां केस है. डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में 170 आरोपियों में से लालू प्रसाद, आरके राणा, ध्रुव भगत, जगदीश शर्मा सहित 99 आरोपी वर्तमान समय में ट्रायल फेस कर रहे थे. सीबीआई कोर्ट ने 15 फरवरी को डोरंडा ट्रेजरी से जुड़े केस में ट्रायल फेस कर रहे 99 अभियुक्तों में से 24 आरोपियों को जहां बरी कर दिया वहीं 34 दोषी पाये गये अभियुक्तों को तीन तीन वर्ष की सजा सुनाई. वहीं लालू यादव सहित 38 अभियुक्तों के सजा के बिंदु पर फैसला आज आया है. 15 फरवरी को सीबीआई कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद लालू सीधे रांची होटवार जेल भेजे गए, जहां से मेडिकल जांच के बार उन्हें रिम्स भेज दिया गया था. रिम्स के पेइंग वार्ड में उन्हें भर्ती कराया गया. रिम्स में डॉ विद्यापति के नेतृत्व में 7 डॉक्टरों की टीम लालू यादव के इलाज में लगी है.