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झारखंड में धान खरीद में देरी, किसानों को अभी करना पड़ेगा इंतजार, जानिए क्या है वजह

Purchasing of paddy in Jharkhand. झारखंड में धान की खरीद अब तक शुरू नहीं हो पाई है. धान बेचने के लिए अन्नदाताओं को अभी और इंतजार करना पड़ेगा. हालांकि राहत की बात यह है कि पिछले साल से अधिक मूल्य पर सरकार किसानों से धान खरीदेगी.

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Purchasing Of Paddy In Jharkhand

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 12, 2023, 7:40 PM IST

Updated : Dec 12, 2023, 8:08 PM IST

धान खरीद में देरी के संबंध में जानकारी देते स्टेट फूड कॉरपोरेशन के एमडी

रांची:झारखंड के किसानों को सरकारी दर पर धान बेचने के लिए अभी कुछ दिन और प्रतीक्षा करनी होगी. हालत यह है कि पहले किसानों को बुआई के वक्त पानी के लिए तरसना पड़ा था और अब जैसे-तैसे उपजे धान को बेचने के लिए इंतजार करना पड़ेगा.

धान बेचने के लिए किसानों को करना पड़ेगा इंतजारःदरअसल, सरकार के द्वारा धान अधिप्राप्ति के लिए जो तैयारी की गई है, वह काफी सुस्त रफ्तार से चल रही है. इस वजह से धान खरीद की शुरुआत होने में वक्त लगेगा. जानकारी के मुताबिक धान खरीद की शुरुआत दिसंबर के बाद यानी जनवरी के प्रथम सप्ताह तक होने की संभावना है. अमूमन हर साल धान खरीद की शुरुआत 15 दिसंबर से की जाती रही है, लेकिन इस साल खाद्य आपूर्ति विभाग और झारखंड राज्य फूड कॉरपोरेशन के द्वारा प्रारंभिक तैयारी नहीं किए जाने की वजह से देरी हो रही है.

दिसंबर के अंतिम सप्ताह में शुरू हो सकती है धान की खरीदः झारखंड स्टेट फूड कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक यतींद्र प्रसाद की मानें तो धान अधिप्राप्ति को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है. दिसंबर के अंतिम सप्ताह में धान की खरीद शुरू होने की संभावना है. देरी के पीछे का वजह चुनाव कार्यों में राज्य से बाहर रहना है.

इस साल 60 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्यः झारखंड सरकार ने इस साल किसानों से 60 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा है. जिसमें 30 लाख 70 हजार नेशनल फूड सेफ्टी के लिए और शेष 29 लाख 30 हजार क्विंटल झारखंड खाद्य सुरक्षा योजना के लिए धान खरीद होगी. विगत 7 दिसंबर की कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग चुकी है. हालांकि इस पर अधिसूचना जारी होना बाकी है.

पिछले साल की तुलना में किसानों को होगा ज्यादा मुनाफाःइन सबके बीच सुखद बात यह है कि किसानों को पिछले साल की तुलना में बढ़ी हुई कीमत पर धान का मूल्य मिलेगा. केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा सम्मिलित दर को देखें तो करीब 2300 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य धान का निर्धारित है. इधर, सरकार ने जिलों को लक्ष्य तय करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. मंगलवार 12 दिसंबर को इस संबंध में सभी जिलों के जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से विभागीय सचिव निर्देश जारी करते रहे.

पिछले कुछ वर्षों में धान खरीद के आंकड़े.

झारखंड सरकार का नहीं है कोई अपना धान मिलः झारखंड सरकार का अपना कोई धान मिल नहीं है. इस वजह से या तो झारखंड के निजी मिल के भरोसे सरकार को रहना पड़ता है या दूसरे राज्यों के धान मिल पर आश्रित रहना पड़ता है. राज्य में 91 धान मिल हैं, जिसमें 77 फोर्टिफाइड चावल बनाने में सक्षम हैं. इसमें से सरकार 76 को इस साल अधिकृत करने की तैयारी में है. मिलर का चयन इस साल जिला स्तर से ना होकर स्टेट फूड कॉरपोरेशन कार्यालय से होगा.

जूट बोरा के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरूःधान अधिप्राप्ति केंद्र में धान रखने के लिए इस्तेमाल होनेवाला जूट बोरा के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पहले से सुरक्षित रखे जूट बैग के अलावे केंद्रीय मद के धान को रखने के लिए बोरा का टेंडर 18 दिसंबर को होना है, लेकिन स्टेट के जिम्मे के धान कैसे रखा जाएगा. इसके लिए जूट बैग खरीद के लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है. जाहिर तौर पर इन सभी व्यवस्था को पूरी कर लेने के बाद ही राज्य में धान खरीद की शुरुआत हो सकेगी. जिसमें संभावना व्यक्त की जा रही है कि जनवरी के प्रथम सप्ताह में इसकी शुरुआत हो.

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Last Updated : Dec 12, 2023, 8:08 PM IST

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