रांची:झारखंड के किसानों को सरकारी दर पर धान बेचने के लिए अभी कुछ दिन और प्रतीक्षा करनी होगी. हालत यह है कि पहले किसानों को बुआई के वक्त पानी के लिए तरसना पड़ा था और अब जैसे-तैसे उपजे धान को बेचने के लिए इंतजार करना पड़ेगा.
धान बेचने के लिए किसानों को करना पड़ेगा इंतजारःदरअसल, सरकार के द्वारा धान अधिप्राप्ति के लिए जो तैयारी की गई है, वह काफी सुस्त रफ्तार से चल रही है. इस वजह से धान खरीद की शुरुआत होने में वक्त लगेगा. जानकारी के मुताबिक धान खरीद की शुरुआत दिसंबर के बाद यानी जनवरी के प्रथम सप्ताह तक होने की संभावना है. अमूमन हर साल धान खरीद की शुरुआत 15 दिसंबर से की जाती रही है, लेकिन इस साल खाद्य आपूर्ति विभाग और झारखंड राज्य फूड कॉरपोरेशन के द्वारा प्रारंभिक तैयारी नहीं किए जाने की वजह से देरी हो रही है.
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में शुरू हो सकती है धान की खरीदः झारखंड स्टेट फूड कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक यतींद्र प्रसाद की मानें तो धान अधिप्राप्ति को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है. दिसंबर के अंतिम सप्ताह में धान की खरीद शुरू होने की संभावना है. देरी के पीछे का वजह चुनाव कार्यों में राज्य से बाहर रहना है.
इस साल 60 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्यः झारखंड सरकार ने इस साल किसानों से 60 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा है. जिसमें 30 लाख 70 हजार नेशनल फूड सेफ्टी के लिए और शेष 29 लाख 30 हजार क्विंटल झारखंड खाद्य सुरक्षा योजना के लिए धान खरीद होगी. विगत 7 दिसंबर की कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग चुकी है. हालांकि इस पर अधिसूचना जारी होना बाकी है.
पिछले साल की तुलना में किसानों को होगा ज्यादा मुनाफाःइन सबके बीच सुखद बात यह है कि किसानों को पिछले साल की तुलना में बढ़ी हुई कीमत पर धान का मूल्य मिलेगा. केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा सम्मिलित दर को देखें तो करीब 2300 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य धान का निर्धारित है. इधर, सरकार ने जिलों को लक्ष्य तय करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. मंगलवार 12 दिसंबर को इस संबंध में सभी जिलों के जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से विभागीय सचिव निर्देश जारी करते रहे.