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योगेंद्र तिवारी के ठिकानों पर दूसरे दिन भी ईडी की छापेमारी, बैंक खाते और आश्रितों की संपत्ति की होगी जांच

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 24, 2023, 10:58 PM IST

झारखंड के शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के ठिकानों पर दूसरे दिन भी ईडी की छापेमारी जारी रही. दूसरे दिन शाम को ईडी ने अपनी ये छापेमारी खत्म की. इस दौरान झारखंड के अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की गई. इस दौरान ईडी को कई जानकारियां मिली हैं.

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रांची: शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के ठिकानों पर गुरुवार को ईडी की छापेमारी जारी रही. गुरुवार को ईडी ने रांची, दुमका, जामताड़ा, मिहिजाम के योगेंद्र तिवारी के ठिकानों पर देर शाम तक अपनी कार्रवाई खत्म की.

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सैकड़ों बैंक खातों की जानकारी मिली: बुधवार से लेकर गुरुवार की देर शाम तक 32 ठिकानों पर हुई छापेमारी के दौरान ईडी को सैकड़ों बैंक खातों की जानकारी मिली है. योगेंद्र तिवारी की दर्जनों कंपनियों के बैंक खातें, पेन ड्राइव समेत सारी जानकारियां ईडी ने ली है. ईडी को सैकड़ों बैंक खातों में अरबों रुपये के ट्रांजेक्शन की जानकारी भी मिली है. ईडी को जानकारी मिली है कि योगेंद्र तिवारी ने शराब के अलावे कोयला कारोबार से भी अकूत कमाई की है. योगेंद्र के कोयला सिंडिकेट में कौन कौन से लोग शामिल हैं, ईडी इसकी भी जांच कर रही है. तकरीबन एक दर्जन लोगों के बारे में योगेंद्र ने पूछताछ के दौरान भी जानकारी दी है.

सभी संदिग्धों के खाते खंगालेगी ईडी:ईडी ने जिन-जिन संदिग्धों के यहां छापेमारी की है, उन सभी के आश्रितों और परिजनों का बैंक खातों के साथ साथ पैन की जानकारी ली है. ईडी ने सभी संदिग्धों को कहा है कि वह अपने आश्रितों की पूरी चल-अचल संपत्ति की भी जानकारी एजेंसी को दें. साथ ही एजेंसी अब संदिग्धों के घोषित आयकर से उनके और उनके परिजनों की संपत्तियों का आंकलन करेगी. ईडी सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को सबसे पहले ईडी योगेंद्र तिवारी और उसके छोटे भाई अमरेंद्र तिवारी से शराब कारोबार के संबंध में पूछताछ करेगी. इसके बाद बारी-बारी से रामेश्वर उरांव समेत अन्य सभी संदिग्धों से ईडी की टीम पूछताछ करेगी.

प्रेम प्रकाश का नाम शराब घोटाले में भी:ईडी को यह भी साक्ष्य मिला है कि प्रेम प्रकाश की मिलीभगत से योगेंद्र तिवारी ने साल 2021 में शराब के थोक कारोबार का ठेका हासिल किया था. ठेका हासिल करने के लिए शेल कंपनियां गठित की गई थी. इस कंपनियों के पास पहले कोई कैपिटल नहीं था, लेकिन ठेका हासिल करने के लिए अलग-अलग खातों से उन कंपनियों के खाते में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए थे. ईडी ने अवैध खनन के केस में जब पहली बार प्रेम प्रकाश के यहां छापेमारी की थी, तब उसके यहां से शराब कारोबार से जुड़े मजबूत साक्ष्य मिले थे.

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