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नक्सली महाराज प्रमाणिक ने डाला हथियार, भाकपा माओवादी जोनल कमांडर पर था 10 लाख का इनाम

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Published : Jan 21, 2022, 7:54 PM IST

Updated : Jan 21, 2022, 9:55 PM IST

भाकपा माओवादी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक ने शुक्रवार को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. वो काफी दिनों से पुलिस के संपर्क में था. भाकपा कमांडर महाराज प्रमाणिक के पुलिस के समक्ष सरेंडर करने से रांची के तमाड़, सरायकेला- खरसावां के कुचाई, चाईबासा में माओवादियों की धमक कमजोर पड़ेगी. महाराज प्रमाणिक की आदिवासी कैडरों के बीच काफी अच्छी पकड़ थी, ऐसे में माओवादियों का प्रभाव उन कैडरों के बीच कमजोर पड़ेगा.

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भाकपा माओवादी जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक

रांचीः भाकपा माओवादियों के दक्षिणी छोटानागपुर जोनल कमिटी के कमांडर 10 लाख के इनामी महाराज प्रमाणिक ने रांची में शुक्रवार को विधिवत सरेंडर कर दिया है. आईजी अभियान अमोल होमकर और आईजी रांची पंकज कंबोज के सामने महाराज ने हथियार डाला. आत्मसमर्पण के समय महाराज अपने साथ AK-47 और दर्जनों कारतूस लेकर पहुंचा था.

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ओपन जेल भेजा जाएगा महाराजः आईजी रांची कार्यालय में विधिवत सरेंडर के दौरान आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने बताया कि माओवादी संगठन में भटकाव और कैडरों के अन्याय के कारण नक्सली महाराज प्रमाणिक ने सरेंडर कर दिया. आईजी अभियान ने बताया कि राज्य सरकार के सरेंडर नीति से प्रभावित होकर महाराज ने सरेंडर किया है. अब उसे हजारीबाग स्थित ओपन जेल में भेजा जाएगा. आईजी अभियान ने बताया कि महाराज के सरेंडर से भाकपा माओवादियों के सेंट्रल कमिटी सदस्य पतिराम मांझी को झटका लगा है. महाराज के सरेंडर के पूर्व एरिया कमांडर बैलून सरदार, सरजू सरदार और रायमुनी ने भी सरेंडर कर दिया था. महाराज के सरेंडर से चांडिल-बुंडू सबजोन में माओवादी कमजोर हुए हैं.

जानकारी देते नक्सली महाराज प्रमाणिक

साल में देता था चार से पांच करोड़ की लेवीः सरेंडर के बाद महाराज प्रमाणिक ने बताया कि एक साल में वह पांच करोड़ तक की लेवी वसूलता था. लेवी के पैसों का बंटवारा जोनल कमिटी, रीजनल कमिटी, सैक और सेंट्रल कमिटी तक होता था. पेट्रोल पंप, पुल पुलिया निर्माण, कंस्ट्रक्शन साइट से सर्वाधिक लेवी वसूली की जाती थी. महाराज ने बताया कि संगठन में लेवी की पूरी राशि का हिसाब होता है. संगठन ने 40 लाख रुपये लेकर भागने का गलत आरोप उसपर लगाया था. हांलाकि महाराज से इससे इनकार किया.

सरेंडर कर चुके महाराज प्रमाणिक के हथियार

संगठन छोड़ चुका था महाराज प्रमाणिकः भाकपा माओवादी संगठन में पतिराम मांझी को सेंट्रल कमिटी बनाकर सारंडा इलाके का प्रभार दिए जाने के बाद से ही माओवादी संगठन में आदिवासी नेताओं के बीच नाराजगी उत्पन हुई थी. जिसके बाद महाराज ने संगठन का साथ छोड़ दिया था. नक्सली महाराज प्रमाणिक की तलाश सरायकेला के कुकुरूहाट, लांजी समेत कई वारदातों में थी. 14 जून 2019 को महाराज प्रमाणिक के नेतृत्व में माओवादियों ने सरायकेला के कुकुरूहाट में पुलिस बलों पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. इस हमले के अलावा मार्च 2021 में लांजी में आईईडी धमाके में भी तीन पुलिसकर्मियों को मारने का आरोप महाराज प्रमाणिक के दस्ते पर लगा था. महाराज प्रमाणिक की तलाश राज्य पुलिस के साथ साथ एनआइए को भी थी. राज्य पुलिस ने महाराज पर दस लाख का ईनाम रखा था.

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माओवादियों ने किया था ऐलान- 40 लाख और हथियार लेकर भागाः भाकपा माओवादियों ने महाराज प्रमाणिक को संगठन का गद्दार घोषित कर जनअदालत में सजा देने की बात पिछले वर्ष ही रिलीज जारी कर कही थी. पिछले साल माओवादियों के प्रवक्ता अशोक ने प्रेस बयान जारी कर कहा था कि जुलाई 2021 के पूर्व तीन बार इलाज का बहाना बनाकर महाराज संगठन से बाहर आया था. इस दौरान वह पुलिस के संपर्क में आ गया था. संगठन को इसकी जानकारी मिल गयी, तब 14 अगस्त को वह संगठन छोड़कर भाग गया. संगठन से भागने के साथ ही वह संगठन के 40 लाख, एक एके 47 हथियार, 150 से अधिक गोलियां और पिस्टल लेकर भाग खड़ा हुआ.

जानिए, किस इलाके में कमजोर पड़े माओवादीः नक्सली महाराज प्रमाणिक के पुलिस के समक्ष सरेंडर करने से रांची के तमाड़, सरायकेला-खरसांवा के कुचाई, चाईबासा मे माओवादियों की धमक कमजोर पड़ेगी. महाराज प्रमाणिक की आदिवासी कैडरों के बीच काफी अच्छी पकड़ थी, ऐसे में माओवादियों का प्रभाव उन कैडरों के बीच कमजोर पड़ेगा.

Last Updated :Jan 21, 2022, 9:55 PM IST

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