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राज्यपाल से मिलने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं होगी बीजेपी, सरकार पर लगाया ठगने का आरोप

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Published : Dec 20, 2022, 11:22 AM IST

आज सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात करेगा. हालांकि बीजेपी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं होगी(BJP will not participate in all party delegation to meet governor). बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने हर किसी को ठगने का काम किया है.

All party delegation will meet Governor
All party delegation will meet Governor

रांची:आज मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात करेगा. इस दौरान राज्यपाल से 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और आरक्षण संशोधन विधेयक पर जल्द स्वीकृति देने का आग्रह किया जाएगा. जिससे कि केंद्र की मंजूरी के लिए बिल को जल्द से जल्द भेजा जा सके. यह मुलाकात दोपहर तीन बजे होगी. हालांकि बीजेपी इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं होगी(BJP will not participate in all party delegation to meet governor). बीजेपी विधायक बिरंची नारायण ने इसकी जानकारी दी है.

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बता दें कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद स्पीकर के कक्ष में कार्यमंत्रणा की बैठक हुई. इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड हाई कोर्ट से रद्द नियोजन नीति का मसला उठाया. उन्होंने कहा कि नियोजन नीति रद्द होने से युवाओं में आक्रोश है. यह निर्णय झारखंडी युवाओं के हक और अधिकार में बाधक बना है. ऐसे में अब 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति (1932 Khatian Based Domicile Policy) के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है. ताकि झारखंड के स्थानीय को सरकारी नौकरी में उनका हक मिल सके.

उन्होंने कहा कि 11 नवंबर 2022 को झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक, 2022 को सदन से पारित कराया गया था. बिल की कॉपी पर राज्यपाल का हस्ताक्षर होना बाकी है. इसलिए उन्होंने स्थानीयता और नियोजन की समस्या से निपटने के लिए इस बिल पर राज्यपाल से हस्ताक्षर कराने के लिए मुलाकात की बात कही (All party delegation will meet Governor).

कार्यमंत्रणा की बैठक के बाद विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि लोक उपक्रम और निजी उपक्रम के कार्यप्रणाली पर चर्चा होनी थी. लेकिन इस विषय को ड्रॉप कर दिया गया. उन्होंने कहा कि सीएम राज्यपाल से मिलकर बिल पर हस्ताक्षर करने के लिए आग्रह करना चाहते हैं ताकि उस बिल को केंद्र को भेजा जा सके. दरअसल, 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता वाले बिल में पहले ही दिन इस बात को लेकर संशोधन किया गया था कि राज्य सरकार की थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों में स्थानीय को प्राथमिकता दी जाएगी.

लिहाजा, नियोजन नीति रद्द होने के बाद हेमंत सरकार अब दूसरे फॉर्मूले पर आगे बढ़ना चाह रही है. क्योंकि नियोजन नीति रद्द होने के बाद इस मसले पर उसे न सिर्फ विपक्ष के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि युवाओं की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है. प्रदीप यादव ने कहा कि सदन की कार्यवाही के सेकेंड हाफ के दौरान विधानसभा के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को भेजकर बिल पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया जाएगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी दलों से प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने का आग्रह किया है. ताकि राज्यपाल से मिलकर 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और आरक्षण संशोधन विधेयक को जल्द से जल्द केंद्र सरकार को भिजवाया जा सके.

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