झारखंड

jharkhand

पलामू रिमांड होम में 90 फीसदी से ज्यादा नाबालिग दुष्कर्म के आरोप में हैं बंद, आयुक्त ने बताया सामाजिक चिंता का विषय

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 23, 2023, 6:10 PM IST

Updated : Sep 23, 2023, 8:31 PM IST

पलामू रिमांड होम में नाबालिगों के एक आंकड़े ने पूरे समाज की चिंता बढ़ा दी है. यह आंकड़ा है दुष्कर्म जैसे अपराध का. पलामू के रिमांड होम में बंद 90 फीसदी से ज्यादा नाबालिग दुष्कर्म के आरोपी हैं.

minors in Palamu Remand Home
minors in Palamu Remand Home

पलामू: देश भर में हो रही लगातार दुष्कर्म की घटनाएं सबसे बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है. इसे रोकने के लिए पुलिस कार्रवाई भी कर रही है और कई आरोपी आज जेल की सलाखों के पीछे भी हैं. लेकिन पलामू जिले में इन आरोपियों के आंकड़ों ने समाज के लिए एक नई चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि इन आरोपियों में नाबालिगों की संख्या ज्यादा है.

यह भी पढ़ें:Crime News Latehar: लातेहार में आदिवासी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म, पांच आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

दरअसल, पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, पलामू रिमांड होम में बंद 90 प्रतिशत से भी अधिक नाबालिग सामूहिक दुष्कर्म या दुष्कर्म के आरोपी हैं. फिलहाल, पलामू रिमांड होम में 46 नाबालिग है, जिनमें 40 से अधिक दुष्कर्म के आरोपी हैं. यह आंकड़ा ये बताने के लिए काफी है कि नाबालिग किस कदर दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. यह एक सामाजिक चिंता का विषय बन चुका है.

हर साल 150 से ज्यादा दुष्कर्म के मामले:पलामू के रिमांड होम में पलामू, गढ़वा और लातेहार के नाबालिग बंद हैं. इनमें से अधिकतर नाबालिग लातेहार जिला के हैं. पलामू, गढ़वा और लातेहार में प्रतिवर्ष 150 से अधिक दुष्कर्म के आकंड़ो को रिकॉर्ड किया जाता है. हालांकि इस आंकड़े में यौन शोषण भी शामिल है. यौन शोषण से अलग दुष्कर्म की घटनाओं में अधिकतर नाबालिग ही शामिल होते हैं. जिन्हें, पुलिस हिरासत में लेकर रिमांड होम में भेज देती है.

पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, पलामू में 2020 में 96, 2021 में 55, 2022 में 71 और 2023 में अगस्त के महीने तक 37, लातेहार में 2020 में 57, 2021 में 73, 2022 में 56 वहीं 2023 में 48, गढ़वा में 2020 में 127, 2021 में 116, 2022 में 115 जबकि 2023 में 59 दुष्कर्म की घटनाओं को रिकॉर्ड किया गया है. इसमें काफी संख्या में नाबालिगों के साथ भी इस कुकर्म को अंजाम दिया गया. शादी के नाम पर यौन शोषण की शिकार होने वाली भी नाबालिगों की संख्या काफी अधिक है.

ETV BHARAT GFX

पलामू के कमिश्नर मनोज कुमार जायसवाल का कहना है कि यह चिंतनीय है कि रिमांड होम में बंद नाबालिगों में अधिकतर दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी हैं. कमिश्नर बताते हैं कि बदलते वक्त के साथ मोबाइल और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री किशोरों तक आसानी से पहुंच रही है, जिस कारण ये आंकड़े बढ़े हैं. मामले में कानूनी कार्रवाई तो हो रही है, लेकिन सामाजिक चिंता का भी यह विषय है.

ग्रामीण इलाकों के अधिकतर आरोपी:जेल और रिमांड होम में बंद आरोपियों की काउंसलिंग के लिए मानसिक अस्पताल के डॉक्टर जाते हैं. मानसिक अस्पताल के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि दुष्कर्म में अधिकतर आरोपी ग्रामीण परिवेश के और कई नशे के आदि हैं. डॉ सुनील कुमार बताते हैं कि उम्र के बदलाव के साथ कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है. माता-पिता की निगरानी और गाइडेंस महत्वपूर्ण है. इंटरनेट और मोबाइल पर कई सामग्री है, जो बच्चों की मानसिक स्थिति को बदलती है. ग्रामीण इलाके में परिजनों को ध्यान रखने की जरूरत है.

कुछ दिनों पहले पलामू के हुसैनाबाद के इलाके में एक नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. इस घटना में भी कुछ आरोपी नाबालिग हैं. पलामू के सतबरवा के इलाके में रोड पर से एक विवाहिता का अपहरण कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था, इस घटना के आरोपी भी नाबालिग हैं.

Last Updated :Sep 23, 2023, 8:31 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details