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नक्सली संगठन बच्चों को ढाल बनाने की फिराक में! कई इलाकों में खत्म हो गई है गतिविधि

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 11, 2023, 3:51 PM IST

नक्सली संगठन टीएसपीसी ग्रामीण इलाके के बच्चों को ढाल बनाने की फिराक में है. पुलिस अभियान के दौरान इस बात की जानकारी मिली है. टीएसपीसी की गतिविधि कई इलाकों में लगभग खत्म हो गई है. TSPC is using children as shields in Palamu.

TSPC is using children as shields in Palamu
TSPC is using children as shields in Palamu

पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमिटी (टीएसपीसी) ग्रामीण बच्चों को ढाल की तरह इस्तेमाल करने के फिराक में है. हाल के दिनों में टीएसपीसी के खिलाफ कई बड़े अभियान चलाए गए है, जिसमें कई जानकारी निकल कर सामने आई है. सर्च अभियान के दौरान पुलिस को बच्चों से जुड़ी हुई सामग्री मिली है जिससे यह आशंका जाहिर की गई है. टीएसपीसी अपने दस्ते के साथ स्थानीय बच्चों को रख रही है.

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पुलिस ने मौके से बच्चों के जूते और कपड़े बरामद किए थे. शुरुआत में पुलिस एवं सुरक्षाबलों को आशंका थी कि टीएसपीसी दस्ते में बच्चों को शामिल करने के फिराक में है. लेकिन जो तथ्य निकल कर सामने आई है उसके अनुसार ग्रामीण और बच्चों को टीएसपीसी ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. पलामू में पिछले एक वर्ष के दौरान टीएसपीसी के खिलाफ 120 से भी अधिक छोटे बड़े सर्च अभियान चलाए गए है. उस सर्च अभियान में तीन बार मुठभेड़ भी हुई है जबकि दो दर्जन के करीब कैडर गिरफ्तार हुए हैं.

कई क्षेत्रों में टीएसपीसी का प्रभाव हुआ कम: नक्सली संगठन टीएसपीसी के कई क्षेत्रों में प्रभाव कम हो गया है. पलामू प्रमंडल के गारु, महुआडांड़, बरवाडीह, चैनपुर, रामगढ़, लेस्लीगंज, हुसैनाबाद, हैदरनगर, मोहम्मदगंज, पाटन, हरिहरगंज, पिपरा और सम्पूर्ण गढ़वा के इलाके में प्रभाव कम हुआ है. हाल के दिनों में टीएसपीसी के कई टॉप कमांडरों के इलाके को बदल दिया गया है. कोयला क्षेत्र में टॉप कमांडर आक्रमण को जिम्मेदारी दी गई है. टीएसपीसी के नक्सली पुलिस एवं सुरक्षाबलों से खुद को बचाने के लिए ग्रामीण और बच्चों को नजदीक रख रहे हैं. ताकि सर्च अभियान के दौरान पुलिस की कार्रवाई से बच सकें.

अभियान के दौरान बरती जाती है विशेष सतर्कता-आईजी: पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा बताते हैं कि जवानों को अभियान को लेकर प्रशिक्षण दिया गया है. अभियान के दौरान विशेष सतर्कता बरती जाती है. ताकि किसी को कोई नुकशान नहीं हो. कई बार नक्सल संगठन ग्रामीणों का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं लेकिन सुरक्षाबलों और पुलिस हर स्थिति से निबटने को तैयार रहते हैं.

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