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पेड़ के नीचे स्कूल-खुले आसमान के नीचे पढ़ाई! प्रशासन से एक अदद भवन की मांग

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Published : Oct 20, 2022, 1:53 PM IST

जर्जर स्कूल भवन, खुले आसमान के नीचे पढ़ाई, पेड़ के नीचे स्कूल, ये तमाम दुश्वारियां पाकुड़ के नौनिहालों की किस्मत बन गयी है. सदर प्रखंड के शहरकोल पंचायत के आसनडीपा गांव के 193 बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर है. ईटीवी भारत की रिपोर्ट से जानिए, आखिर क्या है वजह.

small childrens reading under tree in pakur
small childrens reading under tree in pakur

पाकुड़: शिक्षा में गुणात्मक सुधार को लेकर शासन और प्रशासन न केवल लगातार कोशिश कर रहा बल्कि स्कूल की चौखट तक बच्चों को पहुंचाने के लिए कई प्रयोग भी किए जा रहे हैं. जिससे गांव के बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सके और उनका भविष्य संवर सके. लेकिन पाकुड़ जिला में एक ऐसा गांव भी है जहां अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समाज के बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं.


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पेड़ के नीचे पढ़ते हैं बच्चे: सदर प्रखंड के शहरकोल पंचायत के आसनडीपा गांव के लगभग 193 नौनिहालों को इन दिनों पेड़ के नीचे पढ़ाई करना पड़ रहा है. शिक्षा विभाग ने बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए शिक्षक दिया है. इन्हें मध्यान्न भोजन योजना का लाभ दिया जा रहा है लेकिन एक अदद भवन मुहैया कराने में शासन और प्रशासन लाचार और बेबस है. पहले आसनडीपा गांव के बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए मिशनरी द्वारा मिशन प्राथमिक विद्यालय संचालन किया जा रहा था. बच्चे यहां पढ़ते थे लेकिन स्कूल भवन के जर्जर होने के कारण बच्चों को पेड़ के नीचे पढ़ना पड़ रहा है.

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बच्चों को कब मिलेगा भवनःप्राथमिक विद्यालय का संचालन कर रहे मिशनरी से जुड़े लोग पैसे का अभाव बता रहे हैं. वहीं बच्चे और उनके अभिभावक जिला प्रशासन की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि जर्जर स्कूल भवन पर अधिकारियों की नजर पड़ेगी और इसका कायाकल्प होगा. बच्चे विद्यालय की छत के नीचे निडर होकर पठन-पाठन कर पाएंगे. हालांकिसर्व शिक्षा अभियान(Sarv Shiksha Abhiyaan)के तहत वर्षों पूर्व शहरकोल पंचायत के ही वन प्रमंडल कार्यालय के निकट दुर्गापुर गांव के पास विद्यालय भवन बनाए गए थे. वहां भी बच्चे पढ़ रहे हैं लेकिन वो स्कूल आसनडीपा गांव से दूर रहने की वजह से बच्चे उस विद्यालय में ना जाकर पेड़ के नीचे पढ़ रहे हैं.

जर्जर स्कूल भवन

विद्यालय का निर्माण करवाने में पंचायत सक्षम नहींः शहरकोल पंचायत के मुखिया विकास गोंड का कहना है कि जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की राशि से अगर जिला प्रशासन एक अदद विद्यालय भवन का निर्माण करा दे तो बच्चों को पेड़ के नीचे पढ़ना नहीं पड़ेगा. उन्होंने बताया कि गांव के बच्चों की इस विकट समस्या से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया है. उन्होंने कहा कि पंचायत को इतनी राशि नहीं मिलती कि हम विद्यालय भवन का निर्माण करा सके.

शिक्षा पदाधिकारी को जानकारी नहीं: वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनी देवी का कहना है कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी. उन्होंने बताया कि विद्यालय भवन की जांच कराई जाएगी और वैकल्पिक व्यवस्था कराए जाएंगे. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि यह विद्यालय मिशनरी द्वारा संचालन किया जा रहा था. इसलिए नए भवन का निर्माण शिक्षा विभाग नहीं करा सकती लेकिन इसको लेकर उपायुक्त महोदय का ध्यान आकृष्ट कराया जाएगा.

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