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Gumla Cyber Crime: डीसी की फेक आईडी बनाकर ठगी की कोशिश, जांच में जुटी पुलिस

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Published : Aug 10, 2022, 1:48 PM IST

Fake ID of Gumla DC

साइबर अपराधी (Cyber criminals) आये दिन किसी न किसी को अपना शिकार बनाते हैं. इसी कड़ी में गुमला डीसी की फेक आईडी (Fake ID of Gumla DC) बनाकर अधिकारियों और लोगों को ठगने की कोशिश की जा रही है. जानकारी मिलते ही सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने अधिकारी समेत लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. विभाग ने वह मोबाइल नंबर भी जारी किया है, जिसके माध्यम से अधिकारी और लोगों को मैसेज भेजा जा रहे हैं.

गुमला: राज्य में साइबर अपराधी (Cyber criminals) के मनोबल बढ़ते जा रहे हैं. रांची, हजारीबाग व पश्चिमी सिंघभूम के डीसी और न जाने कितने अधिकारियों की फेक आईडी बनाकर लोगों से ठगी का काम किया जा चुका है. इन मामलों पर कार्रवाई भी हुई, उसके बाद भी साइबर अपराधियों पर लगाम नहीं लगाया जा सका है. ताजा मामला गुमला का है, जहां डीसी सुशांत गौरव (Gumla DC Sushant Gaurav) के नाम से अपराधियों ने फेक आईडी बना ली है.

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नाम और फोटो के साथ बनाया व्हाट्सएप ग्रुप: गुमला डीसी की फेक आईडी (Fake ID of Gumla DC) के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों और आमजनों को ठगने का प्रयास किया जा रहा है. ठग द्वारा डीसी के नाम और फोटो का उपयोग कर व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. ग्रुप के माध्यम से मैसेज भेजकर साइबर अपराधी लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, जिस मोबाइल नंबर के माध्यम से अधिकारियों और आमजनों को ठगने का प्रयास किया जा रहा है. उस नंबर को प्रशासन ने जारी किया है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.



सूचना व जनसंपर्क विभाग ने जारी की अपील: इस संबंध में डीसी की ओर से सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा अधिकारियों और आमलोगों से ठगी का शिकार नहीं होने की अपील की गयी है. विभाग ने अधिकारियों एवं आमलोगों के लिए सूचना जारी किया है कि 'सावधान! गुमला डीसी सुशांत गौरव के नाम और फोटो का उपयोग कर फेक व्हाट्सएप अकाउंट बनाया गया है, जिससे आमजनों और अधिकारियों को मैसेज भेजे जा रहे हैं.'

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इस नंबर से भेजे जा रहे हैं मैसेज: विभाग ने बताया कि मोबाइल नंबर 9912051896 से पिछले कुछ दिनों से विभिन्न लोगों को व्हाट्सएप पर डीसी के नाम से मैसेज भेजें जा रहे हैं. यह नंबर डीसी और किसी भी अधिकारी से संबंधित नहीं है. अगर इस मोबाइल नंबर से किसी को मैसेज आता है, तो सावधान और सतर्क हो जाएं. साथ ही तत्काल इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को दी जाए. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से कहा गया कि आधिकारिक नंबर की पुष्टि करने के बाद ही उसपर विश्वास करें.

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