गोड्डा: जिला के ईसीएल राजमहल परियोजना ललमटिया में भू-विस्थापितों के साथ प्रबंधन पिछले 12 वर्षों से छलावा कर रही है. इस कारण भू-विस्थापित परिवार अपना जाति-निवासी प्रमाण पत्र बनाने लिए ब्लॉक के दफ्तरी के चक्कर लगा रहे, जहां उनके लिए ये साबित करना मुश्किल हो रहा है कि वो यहीं के स्थानीय निवासी हैं.
क्या है मामला
असल में 2012 में बड़ा भोडाय को ईसीएल प्रबंधन ने विस्थापित किया था. बदले में उन्हें जमीन एक टुकड़ा कहीं और देने का वादा किया गया था. साथ ही उन्हें दी जाने वाली जमीन का प्लॉट दिखा भी दिया गया, लेकिन 12 साल बीत जाने के बाद भी जमीन के उस प्लॉट का भू-विस्थापितों का पर्चा नहीं दिया गया है. ऐसे लगभग भोडाय के 70 से 80 परिवार है, जिन्हें ईसीएल प्रबंधन ने आज तक जमीन नहीं दिया है. जो जमीन भू-विस्थापितों को दिखाई गयी है. उस जमीन पर उसके पुराने मालिकाना हक वाले लोग अब दावा करने लगे हैं.