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गिरिडीहः बगोदर में दुर्गोत्सव के 100 साल पूरे, आयोजन पर कोरोना ने फेरा पानी

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Published : Oct 22, 2020, 4:27 PM IST

गिरिडीह में दुर्गोत्सव के शताब्दी वर्ष उत्सव में कोरोना काल ने पानी फेर दिया है. इस साल बगोदर में दुर्गोत्सव के 100 साल पूरा होने पर यहां धूमधाम से दुर्गा उत्सव मनाया जाना था, लेकिन कोरोना के कारण अब धूमधाम के जगह सादगी पूर्वक और सरकार के गाइडलाइन का पालन करते हुए मनाया जाएगा.

durga utsav will not be celebrated
दुर्गोत्सव के 100 साल पूरे

गिरिडीह:जिले मेंबगोदर बाजार में मनाए जाने वाले दुर्गोत्सव का इस वर्ष 100 साल पूरे हो रहे हैं. ऐसे में यहां बड़े ही धूमधाम से दुर्गा उत्सव मनाया जाना था. इसके लिए प्लान भी बना लिए गए थे, लेकिन कोरोना काल ने इस पर पानी फेर दिया है. वैसे तो हर साल यहां बड़े ही धूमधाम से दुर्गोत्सव मनता आ रहा है, लेकिन शताब्दी वर्ष होने के कारण हर साल की अपेक्षा इस साल और भी बेहतर भव्य तरीके से दुर्गा पूजा मनाया जाना था. कोरोना के कारण अब सरकार के गाइडलाइन के अनुसार दुर्गोत्सव मनाया जा रहा है.

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कोरोना ने फेरा पानीपूजा समिति के अध्यक्ष धीरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि इस बार बगोदर दुर्गोत्सव के 100 साल पूरे हो गए. इस उपलक्ष्य में हर साल की अपेक्षा इस साल कुछ खास आयोजन होना था. इसमें भजन सम्राट लखबीर सिंह लक्खा का भव्य जागरण खेल स्टेडियम में होना था. महामाल्या का भी आयोजन किया जाना था. बंगाल की महिला कलाकारों की टीम की ओर से ढोल नगाड़ा के साथ शोभायात्रा के लिए आकर्षक झांकी निकाली जानी थी. साथ ही पूजा पंडाल भी कुछ अलग और आकर्षक होते. इसके अलावा अन्य कार्यक्रम आयोजित किया जाने थे, लेकिन इस वर्ष कुछ भी आयोजित नहीं किया जाएगा.

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अंग्रेजी हुकूमत के समय से मन रहा दुर्गोत्सव
अंग्रेजी हुकूमत के समय 1920 ईस्वीं में स्थानीय जमींदार सोहन राम महतो के नेतृत्व चौरसिया परिवार ने यहां दुर्गोत्सव की शुरुआत की थी. तब से लेकर अब तक यहां लगातार दुर्गोत्सब मनता आ रहा है. बताया जाता है कि 1920 के पूर्व बगोदर में दुर्गा पूजा का आयोजन नहीं होता था. ऐसे में जब जमींदार परिवार के सदस्यों के मन में दुर्गा पूजा देखने का ख्याल आया तब परिवार के सदस्य दुर्गा पूजा देखने के लिए डुमरी चले गए. जमींदार को यह बात पसंद नहीं आई और फिर उन्होंने 1920 में दुर्गा पूजा का आयोजन बगोदर में प्रारंभ कर दिया.

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