दुमका:जिले के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि ग्रामीणों से उनकी ही भाषा में बात करें. जिससे वे खुलकर अपनी समस्याएं रख सकें. कहा कि उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द से समाधान करें. डीसी ने कहा कि अगर कोई प्रशासनिक अधिकारी गांव जाते हैं तो ग्रामीणों को एक उम्मीद जग जाती है कि उनकी समस्या का जल्द समाधान होगा. ऐसा नहीं होने पर गलत संदेश जाता है.
ये भी पढ़ें:Dumka News: श्रावणी मेल में सुरक्षा के होंगे पुख्ता इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर होगी पुलिस प्रशासन की नजर
दुमका उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला के निर्देश पर जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों द्वारा सुदूरवर्ती और पहाड़ियों पर अवस्थित गांवों में मूलभूत सुविधाओं के अभाव के संबंध में निरीक्षण किया गया. समाहरणालय सभागार में उपायुक्त द्वारा इस संबंध में बैठक कर प्राप्त शिकायतों की समीक्षा की गई. बैठक में सभी अधिकारियों ने बताया कि मुख्य रूप से किन गांव में पेयजल, सड़क और बिजली की समस्या है.
कई जगह पर चापानल हैं लेकिन पानी सूख जाने के कारण वह क्रियाशील नहीं है. कई गांव जाने के लिए सड़क नहीं है. अधिकारियों ने डीसी को बताया कि भ्रमण के दौरान पाया गया कि स्वास्थ्य केंद्र और आंगनबाड़ी केंद्र की भी कमी है. लोगों को पेंशन, राशन और आवास से संबंधित शिकायतें हैं. कई स्थानों पर बिरसा आवास अपूर्ण है. एक किश्त के बाद उन्हें राशि ही नहीं दी गई है.
उपायुक्त ने कहा कि आप लोगों के भ्रमण के बाद निश्चित रूप से उस गांव की स्थिति में बदलाव होनी चाहिए. उन सुदूरवर्ती और पहाड़ियों पर अवस्थित गांवों के भ्रमण से लोगों में एक उम्मीद जगी होगी. सभी समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने का प्रयास किया जाय. उन्होंने कहा कि लोगों से उनके भाषा में संवाद किया जाय ताकि सबकुछ बेहतर ढंग से समझा जा सके. योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से हो. छोटे छोटे कार्यों को 15 वीं वित्त आयोग की राशि से कराया जाए. मनरेगा के तहत कूप निर्माण का कार्य कराया जाए. डीसी ने कहा कि एक करोड़ से कम की सड़क के लिए अनुशंसा की जाए ताकि उस कार्य को डीएमएफटी के माध्यम से कराया जा सके. जबकि एक करोड़ से अधिक के सड़क निर्माण कार्य के लिए राज्य से संपर्क किया जाएगा.