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400 सालों से चली आ रही दुर्गा पूजा की परंपरा, राजपरिवार ने पूरी की तैयारी

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Published : Oct 25, 2020, 4:09 PM IST

धनबाद के बाघमारा में दुर्गा पूजा को लेकर राजपरिवार ने पूरी तैयारी कर ली है. राजपरिवार पिछले 400 सालों से दुर्गा पूजा का आयोजन करता आ रहा है. हर साल राजपरिवार में दुर्गा पूजा को बड़े ही विधि विधान से किया जाता है.

Rajpariwar completed preparation of durga puja in dhanbad
Rajpariwar completed preparation of durga puja in dhanbad

धनबाद: जिला में दुर्गा पूजा को लेकर लोगों में उत्साह जोरों पर देखा जा रहा है. बाघमारा के कतरास राजागढ़ का राजपरिवार भी 00 सालों से राजपरिवार भी दुर्गा पूजा का आयोजन कर रहा है. यहां हर साल दुर्गोत्सव के षष्ठी से विधि विधान से पूजा प्रारंभ होती है और बहुत धूमधाम से दुर्गा पूजा मनाई जाती है.

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पुत्र की कामना

राजपरिवार के सदस्य ने बताया कि यह पूजा कलश पूजन विधि से प्रारंभ किया गया था. सन 1885 में राजा गंगानारायण सिंह की दादी माता उत्तीम रानी ने मां दुर्गा की ये मुराद मांगी कि घर में पुत्र का जन्म होगा, तो मूर्ति पूजा की जाएगी, जिसके बाद राजा शक्तिनारायन सिंह की पुत्र के रूप में प्राप्ति हुई. इसके बाद से ही घर में दुर्गा पूजा की प्रारंभ हुई. आगे चलकर शक्तिनारायन सिंह ने अपने पिता की स्मृति में गंगा गौशाला और गंगा नारायण मेमोरियल हाईस्कूल का भी निर्माण कराया.

परंपरा अनुसार होती है पूजा

भारत वर्ष राज परिवार एक लंबे समय से अपनी राजशाही चलाई थी. राजतंत्र में राजा शक्ति की पूजा करते थे. इस परंपरा के अंतर्गत बाघमारा के कतरास का राज परिवार आज भी मां शक्ति की पूजा करता है.

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