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हेमंत सोरेन के खनन पट्टा और शेल कंपनी से जुड़े मामले में 8 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

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Published : Jul 5, 2022, 5:29 PM IST

Updated : Jul 5, 2022, 8:19 PM IST

सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े शेल कंपनी के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 5 जुलाई की तारीख दी थी, मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट नहीं बैठने से सुनवाई अब 8 जुलाई को होगी.

Hemant Soren mining lease and shell company
Hemant Soren mining lease and shell company

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके करीबियों से जुड़े शेल कंपनी और सीएम को लीज खनन आवंटित करने के खिलाफ दायर याचिका पर अब सुनवाई 8 जुलाई को होगी. इससे पहले 5 जुलाई को सुनवाई होनी थी, लेकिन मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत नहीं बैठने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी.

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दोनों याचिकाएं शिवशंकर शर्मा ने दायर की हैं. पिछली सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अपना पक्ष रख दिया गया था. सरकार ने अपना पक्ष रखना शुरू किया था और विस्तृत दलील पेश करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया था. इस आग्रह को स्वीकार करते हुए अदालत ने पांच जुलाई को मामले की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए थे. पांच जुलाई को खंडपीठ के नहीं बैठे जाने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी.

क्या है पूरा मामला: आपको बता दें कि मनरेगा में वित्तीय गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े पीआईएल पर सुनवाई के दौरान ईडी ने झारखंड हाई कोर्ट में एक सीलबंद लिफाफा पेश किया था. ईडी की दलील थी कि उसके पास शैल कंपनी से जुड़े कई अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं. लिहाजा, सीएम से जुड़े खनन पट्टा और शेल कंपनी से जुड़े पीआईएल को भी एक साथ सुना जाना चाहिए. ईडी के स्टैंड को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों केस के मेंटेनेबिलिटी पर सुनवाई के लिए झारखंड हाई कोर्ट को आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में खनन लीज से जुड़े पीआईएल संख्या 727 और शल कंपनी से जुड़े पीआईएल संख्या 4290 को मेंटेनेबल बताया है. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद दोनों केस के मेरिट पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया था.

Last Updated :Jul 5, 2022, 8:19 PM IST

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