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जानिए कांग्रेस MLA दीपिका पांडेय किस बात से हुईं इतनी नाराज कि कर दिया CM हेमंत सोरेन से सवाल

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Published : Jul 4, 2021, 9:48 AM IST

झारखंड में अधिकारी नेताओं की बात नहीं सुनते हैं. ये कहना है राज्य के चुने हुए जनप्रतिनिधियों का. कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने अधिकारियों को रवैये से आजिज आकर सीएम से सवाल कर दिया है कि क्या राज्य के अफसरों को विधायकों की बात नहीं सुनने के निर्देश दिए गए हैं.

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दीपिका पांडेय सिंह

रांचीः सत्ताधारी दल कांग्रेस पार्टी रामगढ़ विधायक ममता देवी के अवैध कोयला तस्करी के मामले में कार्रवाई के निर्देश के बावजूद पुलिस की निष्क्रियता पर कांग्रेस की महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने सवाल उठाया है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया है कि क्या पुलिस को यह निर्देश है कि वह विधायकों की ना सुने.

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दरअसल कांग्रेस पार्टी की रामगढ़ विधायक ममता देवी ने ट्वीट कर पुलिस को कार्रवाई करने की बात कही थी. उन्होंने अपने 29 जून के ट्वीट में कहा था कि रामगढ़ जिला के कुजू ओपी क्षेत्र में कोयला से लदे 7 ट्रकों को रामगढ़ पुलिस ने छापेमारी कर पकड़ा. लेकिन जानकारी के मुताबिक कोयला खलारी रांची से लोड करके आईपीएल पावर प्लांट गोला रामगढ़ के लिए जाना था. लेकिन सातों ट्रक श्रीराम पावर प्लांट कुजू में कोयला गिराने जा रहे थे. ऐसी सूचना है कि सातों ट्रकों को रामगढ़ पुलिस ने बिना किसी कार्रवाई या एफआईआर के ही देर रात को छोड़ दिया. जो कि अवैध कोयले की तस्करी का मामला लगता है. ऐसे में झारखंड पुलिस जांच कर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें.

एमएलए का ट्वीट
लेकिन इस मामले पर जब कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस के महागामा विधायक ने ट्वीट के माध्यम से सवाल किए हैं, उन्होंने कहा है कि यह पुलिस की निष्क्रियता है या जानबूझकर किसी के इशारे पर इन अवैध ट्रकों की निकासी कराई जा रही है खुद विधायक ने संज्ञान लेकर जानकारी दी फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी क्या पुलिस को यह निर्देश है कि विधायकों की ना सुने.बता दें कि गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी के विधायक लगातार यह शिकायत करते रहे हैं कि उनकी अधिकारी नहीं सुनते हैं और ना ही उनके क्षेत्र में जरूरी काम हो पा रहे हैं. अंदरखाने यह भी बातें उठी हैं कि सरकार में शामिल मंत्रियों और बड़े नेताओं की ही बातों को तवज्जो दी जाती है. जबकि विधायकों और कार्यकर्ताओं की बातें नहीं सुनी जाती. इसको लेकर विधायकों और कार्यकर्ताओं में नाराजगी भी है. कहीं ना कहीं यही वजह है कि रामगढ़ विधायक के सूचना के बावजूद पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिसकी वजह से सवाल उठया गया है.

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