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रांची हिंसा मामले पर झारखंड हाई कोर्ट सख्त, होम सेक्रेट्री और डीजीपी से जवाब तलब

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Published : Aug 12, 2022, 4:40 PM IST

10 जून को हुए रांची हिंसा मामले में सरकार ने झारखंड हाई कोर्ट में जवाब पेश नहीं किया है जिससे अदालत ने नाराजगी जताई है. जिसके बाद कोर्ट ने होम सेक्रेट्री और डीजीपी से जवाब तलब किया है.

Jharkhand High Court
Jharkhand High Court

रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन (Chief Justice Dr. Ravi Ranjan) और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राजधानी रांची में 10 जून को हुए हिंसा (Ranchi Virulence) मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत के आदेश के आलोक में सरकार के जवाब पेश नहीं किए जाने पर हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने सख्त नाराजगी जाहिर की है. अदालत ने एक बार फिर से राज्य सरकार के होम सेक्रेटरी और डीजीपी को जवाब पेश करने को कहा है.

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मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने मौखिक रूप से कई गंभीर टिप्पणी भी की है हाई कोर्ट ने यह जानना चाहा था कि मामले की जांच एसआईटी से चल रही थी तो सरकार उसे क्यों बदल कर जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा दीया है मामले की अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी. रांची हिंसा मामले में दायर जनहित याचिका में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव यास्मीन फारूकी समेत रांची उपायुक्त, एसएसपी, मुख्य सचिव, एनआईए, ईडी को प्रतिवादी बनाया है.

अदालत से मामले की एनआईए जांच कराकर झारखंड संपत्ति विनाश और क्षति निवारण विधेयक 2016 के अनुसार आरोपियों के घर को तोड़ने का आदेश देने का आग्रह किया है. याचिका में रांची की घटना को प्रायोजित बताते हुए एनआईए से जांच करके यह पता लगाने का आग्रह किया है कि किस संगठन ने फंडिंग कर घटना को अंजाम दिया. नुपुर शर्मा के बयान पर जिस तरह से रांची पुलिस पर पत्थर बाजी हुई, प्रतिबंधित अस्त्र शस्त्र का प्रयोग हुए, धार्मिक स्थल पर पत्थरबाजी की गए यह प्रायोजित प्रतीत होता है.

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