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रांची हिंसा मामला: हाई कोर्ट ने डीजीपी से पूछा- जांच के दौरान एसएसपी और थानेदार को क्यों बदला गया

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Published : Jul 29, 2022, 3:42 PM IST

Ranchi Violence Case Jharkhand High Court asks DGP why SSP and SHO were changed during investigation
Ranchi Violence Case Jharkhand High Court asks DGP why SSP and SHO were changed during investigation

रांची हिंसा मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने गृह सचिव और डीजीपी से पूछा कि जांच के दौरान थानेदार और एसएसपी को क्यों बदला गया. किन परिस्थितियों में एसआईटी से हटाकर जांच सीआईडी को सौंप दिया गया, इस पर भी सरकार से कोर्ट ने जवाब मांगा है.

रांची: राजधानी रांची में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुए उपद्रव की घटना की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी दी कि मामले की जांच एसआईटी से हटाकर सीआईडी को कर दिया गया है जिससे जांच में शिथिलता आ गई है. ऐसा लगता है कि जांच को जानबूझकर प्रभावित किया जा रहा है. अदालत ने मौखिक रूप से सरकार से यह जानना चाहा है कि एसएसपी और थानेदार का स्थानांतरण क्यों किया गया. अदालत ने राज्य सरकार के गृह सचिव और डीजीपी को शपथ पत्र के माध्यम से मामले में जवाब पेश करने को कहा है. अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी.

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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में रांची हिंसा मामले पर सुनवाई हुई. अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत को जानकारी दी कि सरकार ने मामले की जांच के बीच में ही वरीय पदाधिकारी को स्थानांतरित कर दिया. सरकार के इस कदम से जांच प्रभावित होगी. सरकार को जांच के बीच में अधिकारियों का स्थानांतरण नहीं करना चाहिए. अधिवक्ता ने अदालत से बताया कि सरकार जानबूझकर इस मामले की जांच को प्रभावित करना चाहती है. जैसे ही मामले की जांच में तेजी आई वैसे ही सरकार इस मामले की जांच एसआईटी से हटा दिए, जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंप दिया. सीआईडी को जांच सौंपी जाने के बाद ही जांच धीमी हो गई. इससे स्पष्ट होता है कि जांच को प्रभावित किया जा रहा है. अदालत ने उनके पक्ष को सुनने के उपरांत मौखिक रूप से यह जानना चाहा कि जांच के बीच में क्यों अधिकारी का स्थानांतरण किया गया. खंडपीठ ने झारखंड सरकार के गृह सचिव और राज्य के पुलिस प्रमुख डीजीपी को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब सौंपने को कहा है.

रांची में 10 जून को हुए हिंसा की जांच को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल किया गया था. याचिका के माध्यम से कहा है कि उपद्रवियों ने जमकर हिंसा की, नारेबाजी और पथराव करते हुए सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश की. भीड़ के द्वारा की गई हिंसा के दौरान शहर के कई मंदिरों को निशाना भी बनाया गया. भीड़ की शक्ल में हिंसा कर रहे उपद्रवियों को रोकने की पुलिस ने कोशिश की तो भीड़ के द्वारा पुलिस पर भी गोली चलायी गयी. जिसके बाद पुलिस ने भी गोली चलायी. प्रार्थी के मुताबिक़ सुनियोजित तरीके से हिंसा फैलाई गयी थी इसलिए इस पूरे मामले की जांच एनआईए से होनी चाहिए.

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