रांचीःझारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से 3 जुलाई को जूनियर इंजीनियर (जेई) परीक्षा का आयोजन किया था. अब इस परीक्षा पर अभ्यर्थियों की ओर से सवाल उठाये जा रहे हैं. गुरुवार को छात्र संगठनों के साथ-साथ अभ्यर्थियों ने परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाते हुये प्रदर्शन किया और परीक्षा रद्द करने की मांग की.
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राज्य में लगभग 8 साल बाद इस परीक्षा का आयोजन हुआ है. इस परीक्षा के जरिए जूनियर इंजीनियर 1289 पदों पर नियुक्ति होनी है. इसमें इलेक्ट्रिकल, सिविल, मैकेनिकल, एग्रीकल्चर इंजीनियर शामिल हैं. बताया जा रहा है कि जेएसएससी ने पहले 250 पदों के लिये वैकेंसी निकाली गई थी. लेकिन जेएसएससी ने बाद में 1004 पद बढ़ा दिए थे. इसको लेकर 3 जुलाई को हुई परीक्षा में लगभग 4 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था. लेकिन परीक्षा आयोजन के बाद अब इस परीक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि परीक्षा का प्रश्न पत्र एक घंटे बाद ही लीक हो गया था. इस परीक्षा में भारी अनियमितता हुई है और अंदर खाने पदों का बंदरबांट हो रहा है. उन्होंने कहा कि बैक डोर से कैंडिडेट से मोटी रकम लेकर सफल कराने की कोशिश हो रही है. इसको लेकर एक सिंडिकेट भी काम करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों के साथ रांची में अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया है. उन्होंने कहा कि परीक्षा को रद्द नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जायेगा.
झारखंड लोक सेवा आयोग के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग भी विवादों के घेरे में है. अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार के साथ-साथ जेएसएससी पर कई गंभीर आरोप लगाया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि हमलोग मेहनत करके परीक्षा देते हैं. लेकिन यहां सीट को बेच दिया जाता है. अभ्यर्थियों ने जेएसएससी प्रबंधन से परीक्षा रद्द करने की मांग की है. साथ ही कहा है कि अगर यह परीक्षा रद्द नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा.