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झारखंड के सोहराय कला को मिलेगी खास पहचान, पद्मश्री बुलू इमाम की कोशिशों को डाक विभाग ने दिया आयाम

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Published : Sep 23, 2021, 10:48 AM IST

Updated : Sep 23, 2021, 2:46 PM IST

interview with bulu imam in hazaribag
पद्मश्री बुलू इमाम के साथ जुड़ी एक और ख्याति ()

सोहराय कला को देश-विदेश में पहचान दिलाने वाले बुलू इमाम के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है. अब डाक विभाग ने सोहराय चित्रकला को अपने विशेष लिफाफे पर जगह दी है.

हजारीबागः बुलू इमाम एक ऐसा नाम जो देश में परिचय का मोहताज नहीं है. सांस्कृतिक क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से नवाजा भी गया है. बकायदा वे एक पर्यावरण कार्यकर्ता के तौर पर झारखंड में आदिवासी संस्कृति और विरासत को संरक्षित करते रहे हैं. इसके लिए उन्हें 12 जून 2012 को लंदन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स में गांधी इंटरनेशनल पीस अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है. इस बार फिर बुलू इमाम को डाक विभाग द्वारा सोहराय चित्रकला को विशेष आवरण डाक लिफाफा पर जगह दी गई है.

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पद्मश्री बुलू इमाम एक ऐसा नाम जिन्होंने झारखंड की सभ्यता संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है. जिन्होंने सोहराय कला को लेकर लगभग 70 से अधिक प्रदर्शनी विदेशों में लगाई. डाक विभाग ने उनके सोहराय कला को विशेष आवरण डाक लिफाफा में जगह दी है. झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने 17 सितंबर को राजभवन में इस विशेष सोहराय कला पर आधारित स्पेशल कवर को लोकार्पण किया था. कार्यक्रम में कई विशेष अतिथि भी डाक सेवा के मौजूद थे.

देखिए पूरी खबर

हजारीबाग में डाक सेवा से जुड़े पदाधिकारियों ने उन्हें स्पेशल कवर दिया. स्पेशल कवर लेने के बाद पद्मश्री बुलू इमाम बेहद खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि 7 साल पहले हजारीबाग में एक पोस्ट मास्टर जनरल मिलने के लिए आए थे. उन्होंने सोहराय कला से जुड़ा एक स्टांप बनाने को कहा था. झारखंड की सोहराय कला की आर्टिस्ट पुतली गंजू ने वह कलाकृति बनाई थी. जिसे नेशनल आर्ट गैलरी ऑस्ट्रेलिया में भी जगह मिली थी. जिसमें गाय धमना सांप को दूध पिला रही है. मेरी इच्छा थी कि इस सोहराई कला को भारतीय डाक में जगह मिले. आज मेरी यह ख्वाहिश पूरी हो गई. इसलिए मेरी खुशी का ठिकाना नहीं है. आज सोहराय देश ही नहीं विदेशों में जाकर अपनी पहचान स्वयं देगा.

पद्मश्री बुलू इमाम के साथ खास बातचीत

वहीं उन्होंने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में कहा कि आने वाले दिनों में जिस तरह म्यूजियम समाज को समर्पित किए हैं. उसी तरह एक बड़ी लाइब्रेरी आम जनता को समर्पित करेंगे. जिसमें यहां के बच्चे पढ़ाई कर अपना भविष्य बनाएंगे. ईटीवी भारत भी पद्मश्री बुलू इमाम को उनके योगदान के लिए शुभकामना देता है.

Last Updated :Sep 23, 2021, 2:46 PM IST

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