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पच्छाद विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप की जीत

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Published : Dec 8, 2022, 9:18 AM IST

Updated : Dec 8, 2022, 2:55 PM IST

पच्छाद विधानसभा सीट पर काउंटिंग जारी है. भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप आगे चल रही हैं. बता दें कि इस सीट पर मुकाबला भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी दयाल प्यारी समेत निर्दलीय चुनाव लड़ रहे गंगुराम मुसाफिर के बीच टक्कर है. (Pachhad Election Result 2022) (Sirmaur District Election Result 2022)

पच्छाद विधानसभा सीट
पच्छाद विधानसभा सीट

सिरमौर:जिले की पच्छाद विधानसभा सीट पर कमल खिल गया है. यहां से भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप ने जीत हासिल की है. बता दें कि इस सीट पर 9 राउंड में मतगणना हुई. जिसमें रीना कश्यप ने 20630 मत हासिल किए और जीत दर्ज की. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी दयाल प्यारी ने कुल 16837 वोट हासिल किए. वहीं, कांग्रेस से नाराज निर्दलीय चुनाव लड़ रहे गंगूराम मुसाफिर को 12946 वोट पड़े. इसके अलावा राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी के उम्मीदवार सुशील कुमार भृगु को 8013, सीपीआईएम प्रत्याशी आशीष कुमार को 536, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अजय सिंह को 552 और नोटा को 464 वोट पड़े. (Pachhad Election Result 2022) (Sirmaur District Election Result 2022)

दूसरी बार चुनावी मैदान में थी रीना कश्यप: भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप ने दूसरी बार पार्टी के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा. साल 2019 में पच्छाद में हुए उपचुनाव में रीना को पहली बार पार्टी ने यहां से टिकट दिया और वह जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचीं. यहां से विधायक सुरेश कश्यप लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे थे. लिहाजा, इस सीट पर उपचुनाव हुए थे. साल 2022 के इस चुनाव में भी भाजपा ने रीना कश्यप के नाम पर ही दांव खेला. रीना ने हिमाचल विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में एमए की शिक्षा ग्रहण की है. वह अपने मधुर स्वभाव के कारण भी क्षेत्र में जानी जातीं हैं.

दयाल प्यारी पर कांग्रेस ने पहली बार खेला दांव:पच्छाद से भाजपा नेता रहीं दयाल पहली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले कांग्रेस में शामिल हुई थीं. वह कांग्रेस का यहां से टिकट भी हासिल करने में कामयाब रहीं. कांग्रेस प्रत्याशी दयाल प्यारी की राहें इस चुनाव में आसान नहीं रहीं, क्योंकि यहां से कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा उन्हें यहां से टिकट देने से नाराज चल रहा था. सीधे-सीधे यह कार्यकर्ता मुसाफिर को टिकट देने की वकालत कर रहे थे. जमा दो तक की शिक्षा ग्रहण करने वाली दयाल प्यारी पच्छाद से जिला परिषद की सदस्य भी रह चुकी हैं. साल 2017 के चुनाव में भी वह पच्छाद से बतौर निर्दलीय उपचुनाव में उतरी थी और अच्छी खासी वोट हासिल करने में कामयाब रही थीं. हालांकि वह जीत दर्ज नहीं कर सकी.

7 बार विधायक रहे गंगूराम मुसाफिर भी हारे: यहां से लगातार 7 बार विधायक रहने का रिकार्ड गंगूराम मुसाफिर के नाम दर्ज है, लेकिन 2007 के चुनाव के बाद से मुसाफिर 8वीं बार चुनावी मैदान में थे. कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाने वाले गंगूराम मुसाफिर पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से 7 बार जनता के दुलारे रहे हैं, लेकिन 2007 के चुनाव से जनता उन्हें नकार रही है. इस बार कांग्रेस का टिकट न मिलने से नाराज मुसाफिर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्हें इस बार भी हार का सामना करना पड़ा.

78.30 प्रतिशत हुआ इस बार मतदान:पच्छाद विधानसभा सीट पर इस बार 78.30 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ था. यहां कुल 76,609 मतदाताओं में से इस बार 59,983 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इसमें 31,539 पुरूष व 28,443 महिला मतदाता शामिल हैं, जबकि एक थर्ड जेंडर मतदाता ने भी यहां मत डाला. इससे पहले 2017 के चुनाव में इस सीट पर 78.25 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ था.

ये रहे यहां से अब तक विधायक:पच्छाद विधानसभा सीट पर अधिकतर समय कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. यहां से 1952 में डॉ. वाईएस परमार पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद 1957 में मांगा राम, 1962 में माता राम, 1967 में जालम सिंह, 1977 में श्रीराम जख्मी, 1982, 1985, 1990, 1993, 1998, 2003 व 2007 में गंगूराम मुसाफिर, 2012 व 2017 में सुरेश कश्यप, 2019 में रीना कश्यप विधायक रहीं हैं.

Last Updated : Dec 8, 2022, 2:55 PM IST

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