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हिमाचल नहीं आ रहे पर्यटक, 20 दिनों से शिमला और मनाली समेत कई पर्यटक स्थलों में ऑक्युपेंसी जीरो

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Published : Jul 27, 2023, 5:15 PM IST

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने ऐसा कहर बरपाया कि अब पर्यटक हिमाचल आने से कतरा रहे हैं. पिछले 20 दिनों की अगर बात करें तो पर्यटन स्थलों में ऑक्युपेंसी जीरो हो गई है. (himachal tourism business) (tourism business himachal) (Himachal Pradesh Tourism).

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फाइल फोटो.

टूरिज्म इंड्रस्टी स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ

शिमला:हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने जमकर कहर बरपाया है और जानमाल का काफी नुकसान हुआ है. वहीं, पर्यटन व्यवसाय भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. 9 जुलाई को कुल्लू मनाली सहित कई क्षेत्रों में आई आपदा में हजारों पर्यटक फंस गए थे. जिन्हें प्रशासन द्वारा रेस्क्यू किया गया था. वहीं, अब पर्यटक हिमाचल का रुख करने से कतरा हैं. बीते 20 दिनों की बात करें तो शिमला, मनाली, कुल्लू में सहित अन्य पर्यटन स्थलों में ऑक्युपेंसी जीरो हो गई है. जिससे पर्यटन कारोबारी काफी निराश हैं.

हालांकि शिमला जिले में किसी भी तरह का लैंडस्लाइड या फ्लैश फ्लड नहीं हुआ है. बावजूद पहाड़ों की रानी शिमला में भी पर्यटक आने से कतरा रहे हैं. राजधानी के होटल पूरी तरह से खाली पड़े हुए हैं. वहीं, अब पर्यटन व्यवसाई सरकार मदद की गुहार लगा रहे हैं और पर्यटकों के लिए खासकर हर रोज बुलेटिन जारी करने का आग्रह कर रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश में स्थिति सामान्य है और पर्यटन बिना किसी डर के हिमाचल आ सकें.

फाइल फोटो (साभार सोशल मीडिया).

टूरिज्म इंड्रस्टी स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र सेठ का कहना है कि मानसून के शुरू होते ही प्रदेश में फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड होने से काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. ज्यादातर कुल्लू, मनाली में नुकसान देखने को मिला है. अन्य पर्यटन स्थल शिमला सहित अन्य क्षेत्र सुरक्षित हैं. यहां फ्लैश फ्लड की कोई संभावना नहीं रहती है और शिमला, चंडीगढ़ का सड़क भी सुचारू रूप से चल रही है, लेकिन यहां पर भी पर्यटक नहीं आ रहे हैं, जबकि शिमला में पर्यटक बिना किसी डर के आ सकते हैं.

उन्होंने कहा कि पर्यटन सीजन पूरी तरह से चौपट हो गया है. मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि वह पर्यटन निगम के माध्यम से हर रोज पर्यटकों के लिए बुलेटन जारी करें और उसमें यह बताएं कि किन पर्यटन स्थलों में सड़कों की स्थिति क्या है और पर्यटक कहां-कहां जा सकते हैं इसकी सूचना उपलब्ध करवाई जानी चाहिए, ताकि जो पर्यटक आना चाह रहे हैं वह बिना किसी डर के प्रदेश में घूमने आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि सितंबर और अक्टूबर में दुर्गा पूजा के दौरान बाहरी राज्यों से काफी तादाद में पर्यटक आते हैं और एडवांस बुकिंग करवाते हैं. इस सीजन के दौरान भी पर्यटक नहीं आते तो पर्यटन व्यवसाय को काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि मानूसन सीजन में इतने दिनों तक पर्यटन व्यवसाय प्रभावित हुआ है.

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