शिमला: हिमाचल सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट की तैयारी शुरू कर दी है. कोविड संकट के कारण बेशक इस वित्तीय वर्ष में प्रदेश की सालाना योजना का आकार तय नहीं होगा, लेकिन योजना बोर्ड की मीटिंग में कई अहम वित्तीय मसलों पर चर्चा की जाएगी.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे. राज्य योजना बोर्ड के वाइस चेयरमैन और पार्टी के वरिष्ठ नेता रमेश ध्वाला के साथ बोर्ड के सदस्य, वित्त विभाग के अधिकारी और अन्य विभागों के मुखिया मीटिंग में मौजूद रहेंगे. हिमाचल में राज्य योजना बोर्ड कायम किया गया है और ये प्रदेश की सालाना योजनागत व गैर योजनागत कार्यों के लिए बजट का प्रावधान करता है.
कोविड संकट के कारण इस बार ये प्लान व नॉन प्लान वाला मामला नहीं होगा. फिर केंद्र सरकार ने भी योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग का गठन किया हुआ है. ये सही है कि केंद्रीय स्तर पर नीति आयोग काम करता है और हिमाचल में अभी भी योजना बोर्ड का अस्तित्व है. इस वित्त वर्ष से पहले हिमाचल में योजना बोर्ड ही प्रदेश की सालाना योजना का आकार तय करता आया है.
बजट का राजस्व व पूंजीगत के तौर पर वर्गीकरण
योजना का आकार तय होने से पहले हिमाचल में विधायक प्राथमिकता निधि की बैठकें होती हैं. फिलहाल, हिमाचल में इस बार योजना बोर्ड की बैठक दस फरवरी को तय की गई है. हिमाचल सरकार ने अब बजट का राजस्व व पूंजीगत के तौर पर वर्गीकरण किया है. प्लान व नॉन प्लान बजट न होने की वजह से अब योजना का आकार भी तय नहीं होगा. अब बजट को पूंजीगत एवं राजस्व खर्च में दर्शाया जाएगा.
अनुसूचित जाति उप-योजना यानी एससी नॉन-प्लान, जनजातीय क्षेत्र उप-योजना यानी एसटी नॉन प्लान, पिछड़ा क्षेत्र उप-योजना यानी बैकवर्ड एरिया नॉन-प्लान तथा क्षेत्रीय और विकेंद्रीकृत योजना कार्यक्रमों को अब क्रमश: अनुसूचित जाति विकास योजना, जनजातीय क्षेत्र विकास योजना, आकांक्षी खंड विकास योजना और क्षेत्रीय एवं विकेंद्रीकृत विकास कार्यक्रम के तौर पर जाना जाएगा.
28 व 29 जनवरी को विधायक प्राथमिकताओं की बैठक