हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

चारदीवारी में कैद होता बचपन, ऑनलाइन क्लासेस की आड़ में मोबाइल की गिरफ्त में बच्चे

By

Published : Jul 6, 2020, 8:23 PM IST

Updated : Jul 11, 2020, 2:36 PM IST

इन दिनों ऑनलाइन क्लास के अलावा भी बच्चे मोबाइल पर ज्यादा वक्त बिता रहे हैं. वीडियो गेम से लेकर सोशल मीडिया तक दिन का एक बड़ा हिस्सा मोबाइल पर ही बीत रहा है, जो अभिभावकों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. रोजाना मोबाइल के घंटों इस्तेमाल का सीधा असर बच्चों की आंखों पर पड़ता है. इसलिये अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है.

Mobile addiction in children
बच्चों में मोबाइल की लत

शिमला: कोरोना संकट काल में बचपन घर में और पढ़ाई मोबाइल में कैद होकर रह गई है. बच्चों के लिए दुनिया घर की चारदीवारी और मोबाइल की स्क्रीन में सिमटकर रह गई है. कोरोना के चलते बच्चों को ऑनलाइन क्लास में रोजाना चार से पांच घंटे मोबाइल में आंखे गढ़ाए बैठना पड़ता है. ऐसे में नेटवर्क ना हो तो वक्त और खिंच जाता है

दरअसल इन दिनों ऑनलाइन क्लास के अलावा भी बच्चे मोबाइल पर ज्यादा वक्त बिता रहे हैं. वीडियो गेम से लेकर सोशल मीडिया तक दिन का एक बड़ा हिस्सा मोबाइल पर ही बीत रहा है, जो अभिभावकों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है. इसके चलते ऑनलाइन क्लास अब अभिभावकों को रास नहीं आ रही है

वीडियो

वैसे तो घंटों मोबाइल पर वक्त बिताना सबके लिए हानिकारक है, लेकिन बच्चों के लिए ये सबसे ज्यादा खतरनाक है. रोजाना मोबाइल के घंटों इस्तेमाल का सीधा असर बच्चों की आंखों पर पड़ता है. इसलिये अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है.

आईजीएमसी शिमला में चिल्ड्रन वार्ड के एचओडी डॉ. अश्वनी सूद के मुताबिक अभिभावक 24 घंटे बच्चों पर भले नजर ना रख सकते हों, लेकिन थोड़ी सी सतर्कता और समझदारी बच्चों की सेहत खराब होने से बचा सकती है क्योंकि कोरोना संक्रमण काल में घर पर बैठे-बैठे मोबाइल का इस्तेमाल बच्चों की सेहत भी बिगाड़ सकता है. इसलिए बच्चों के खान-पान पर ध्यान रखने के साथ उन्हें बताना होगा कि एक दुनिया मोबाइल के बाहर भी है जो बहुत खूबसूरत है, जहां करने को बहुत कुछ है.

डॉक्टर मानते हैं कि मोबाइल पर हद से ज्यादा वक्त बिताना भी एक तरह की लत है. कोरोना संक्रमण के दौर में मोबाइल एडिक्शन के मामले सामने आ रहे हैं. रोजाना घंटों मोबाइल पर रहने या देर रात तक फोन के इस्तेमाल का सीधा असर शारीरिक और मानसिक रूप से हो सकता है.

कुल मिलाकर मोबाइल का हद से ज्यादा इस्तेमाल नौनिहालों को बीमार कर सकता है. इसलिये डॉक्टर की सलाह मानिये और बच्चों को जरूरत के मुताबिक ही मोबाइल के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित कीजिए. बच्चों को मोबाइल के इस्तेमाल के नुकसान बताये जाने चाहिए, ताकि बच्चों को मोबाइल की लत ना लगे.

Last Updated :Jul 11, 2020, 2:36 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details