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आईजीएमसी अस्पताल शिमला में ट्रामा सेंटर की जांच के आदेश, हाई कोर्ट ने तैनात किए केंद्र सरकार के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 20, 2023, 10:55 PM IST

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर की जांच के आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट ने इसके लिए केंद्र सरकार के डिप्टी सोलिसिएटर जनरल को तैनात किया है. वहीं, इस संदर्भ में अदालत में दाखिल की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूछा है कि क्या आईजीएमसी अस्पताल में इस समय ट्रामा सेंटर फंक्शनल है या नहीं? पढ़ें पूरी खबर.. (Himachal HC Orders To Investigation Trauma) (Himachal Highcourt)

Himachal HC Orders To Investigation Trauma Center Of IGMC Shimla
आईजीएमसी अस्पताल शिमला में ट्रामा सेंटर की जांच के आदेश

शिमला:सड़क दुर्घटनाओं के दौरान गंभीर रूप से घायल लोगों की जान बचाने के लिए ट्रामा सेंटर की भूमिका बहुत अहम होती है. ट्रामा सेंटर की सुविधा के कारण समय पर इलाज मिलने से अनमोल जीवन बचाए जा सकते हैं.दरअसल, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने ट्रामा सेंटर की अहमियत को देखते हुए राज्य के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल के ट्रामा सेंटर की जांच के आदेश जारी किए हैं. अदालत ने इसके लिए भारत सरकार के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल को तैनात किया है.

इस संदर्भ में अदालत में दाखिल की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूछा है कि क्या इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस समय ट्रामा सेंटर फंक्शनल है या नहीं? इसके साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल चंबा और डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल टांडा में ट्रामा सेंटर की जानकारी भी तलब की है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 17 अक्टूबर को निर्धारित की है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि जब तक आईजीएमसी अस्पताल शिमला में ट्रामा सेंटर का निर्माण नहीं हो जाता तब तक नये ओपीडी ब्लॉक के धरातल व प्रथम मंजिल को ट्रामा सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया जाए.

अदालत ने ये भी कहा है कि इसे सुचारू रूप से चलाने के लिए बचे हुए उपकरण इत्यादि जल्द से जल्द खरीद लिए जाएं. अदालत ने आदेश दिए थे कि इंदिरा गांधी मेडिकल शिमला कॉलेज में ट्रामा सेंटर को सभी उपकरणों व संसाधनों के साथ गतिशील कर दिया जाए. अदालत ने प्रदेश के सभी अस्पतालों में स्टाफ की कमी और पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया न करवाए जाने वाली जनहित याचिका में इस मामले में कड़ा संज्ञान लिया है.

उल्लेखनीय है कि इस मामले में विगत कई वर्षों से अदालत ने राज्य सरकार को कई तरह के निर्देश दिए हैं. वर्ष 2015 में हाई कोर्ट ने शिमला में लेवल वन ट्रामा सेंटर के लिए राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए थे. उस समय शिमला में एक निजी अस्पताल को इसके लिए चयनित करने को कहा था, लेकिन ये प्रक्रिया अधर में ही रह गई. सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायल लोगों की जान बचाने में लेवल वन का ट्रामा सेंटर की सबसे अहम भूमिका है. लेवल वन के ट्रामा सेंटर में एमआरआई, सीटी स्कैन, इमरजेंसी ऑपरेशन थियेटर, पोस्ट ऑपरेटिव केयर आदि की सुविधा होती है.

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