Himachal High Court: हिमाचल में घटिया दवाओं के निर्माण पर हाई कोर्ट का कड़ा संज्ञान, सरकार से शपथ पत्र तलब

Himachal High Court: हिमाचल में घटिया दवाओं के निर्माण पर हाई कोर्ट का कड़ा संज्ञान, सरकार से शपथ पत्र तलब
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रदेश में घटिया दवाइयों के उत्पादन पर कड़ा संज्ञान लिया है. अदालत ने राज्य सरकार से कई सवाल किए हैं और उन सवालों को लेकर शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. पढ़ें पूरी खबर.. (Himachal High Court)
शिमला: हिमाचल प्रदेश में सब-स्टैंडर्ड यानी घटिया दवाओं के निर्माण पर हाई कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है. अदालत ने राज्य सरकार से कई सवाल किए हैं और उन सवालों को लेकर शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या दवा उत्पादकों ने प्राइवेट दवा प्रयोगशालाओं से परीक्षण करवाया है या नहीं? यदि परीक्षण के दौरान दवाएं सब-स्टैंडर्ड पाई गई तो क्या इस बारे में राज्य सरकार को सूचित किया गया था? अदालत ने निजी दवा प्रयोगशालाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई पर शपथ पत्र भी तलब किया है.
मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने इसी मामले में राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि सरकारी दवा परीक्षण प्रयोगशाला में नियमित कर्मचारी की तैनाती क्यों नहीं की गई है? यदि कर्मचारी की तैनाती हो तो उसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. इस मामले में हाई कोर्ट के समक्ष एक याचिका दाखिल की गई है. पीपल फॉर रिस्पांसिबल गवर्नेंस नामक संस्था की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 2014 में उद्योग विभाग ने प्रयोगशाला के निर्माण पर साढ़े तीन करोड़ रुपये की रकम खर्च की है, लेकिन अभी तक इसे चालू नहीं किया गया है. यही नहीं, केंद्र सरकार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत दवाओं के परीक्षण की सुविधा के लिए 30 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ है. मामले में अदालत ने राज्य सरकार से प्रयोगशाला के निर्माण के बारे में भी ताजा स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. घटिया दवाओं को लेकर मीडिया में खबरें आई हैं.
खबरों के अनुसार राष्ट्रीय औषधि नियामक और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने हिमाचल में निर्मित 11 दवाइयों के नमूनों को घटिया घोषित किया है. इसके अलावा एक दवा के सैंपल को नकली पाया गया है. नकली पाई जाने वाली दवा में एक पशु चिकित्सा में प्रयोग होने वाली दवा है. घटिया और नकली दवाइयों के निर्माता बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़, काला अंब के साथ-साथ पांवटा साहिब के औद्योगिक समूहों में स्थित हैं. मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को निर्धारित की गई है.
