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हिमाचल में गाड़ियों के नंबर के लिए नए E-Auction System के बाद परिवहन विभाग ने कमाए 1.04 करोड़: अग्निहोत्री

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Published : Jun 9, 2023, 7:49 PM IST

हिमाचल प्रदेश में गाड़ियों के पसंदीदा नंबर या वीआईपी नंबर देने के लिए नया ई-ऑक्शन सिस्टम लागू होने से परिवहन विभाग को बहुत फायदा पहुंचा है. अभी तक इससे परिवहन विभाग को 1.04 करोड़ की कमाई हुई है. इस सिस्टम में फर्जीवाड़े की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि 30% एडवांस पहले जमा करना होगा. ये जानकारी डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने दी है.

E Auction System for Vehicle Numbering in Himachal.
गाड़ियों के नंबर के लिए नए ई-ऑक्शन सिस्टम से परिवहन विभाग को फायदा.

शिमला: हिमाचल प्रदेश के परिवहन विभाग ने गाड़ियों के पसंदीदा नंबर या वीआईपी नंबर देने के लिए नया ई-ऑक्शन सिस्टम लागू किया है. इसके तहत अब नंबरों के लिए बोली लगाने वालों को कुल राशि का 30 फीसदी एडवांस में जमा करवाना है. इस सिस्टम के लागू होने के बाद परिवहन विभाग ने 195 नंबरों की नीलामी की है, जिनसे विभाग को 1.04 करोड़ की कमाई हुई है.

'नए ई-ऑक्शन सिस्टम से परिवहन विभाग को फायदा': डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि परिवहन विभाग ने पसंदीदा नंबर के लिए एक करोड़ की फर्जी बोली लगाने के बाद नया ई-ऑक्शन सिस्टम तैयार कर इसको लागू किया है. इससे अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं. इस सिस्टम को लागू किए अभी कुछ ही समय हुआ है और अब तक विभाग 195 गाड़ियों के नंबर की इसके माध्यम से नीलामी कर चुका है, जिनसे विभाग ने 1.04 करोड़ रुपए कमाए हैं. इनमें HP 12 Q-0008 नंबर 8 लाख 10 हजार रुपए में नीलाम हुआ, जबकि HP12Q-0009 नंबर 5,77,500 रुपए में, HP12Q-0005 नंबर 4,05,500 रुपए और HP17H-0007 नंबर 4,42500 रुपये में नीलाम हुआ है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इससे और ज्यादा कमाई होने की उम्मीद है.

'30% एडवांस करना होगा जमा': डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस नए सिस्टम से अब कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता. इसमें अब कोई भी फर्जी बोली नहीं लगा पाएगा, क्योंकि इसमें एडवांस में 30 फीसदी राशि जमा करवाने का प्रावधान रखा है. ऐसे में कोई भी तब तक बोली नहीं लगा सकता है जब तक इसके लिए एडवांस राशि जमा नहीं करा पाएगा. अगर बोली लगाने वाला नंबर लेने के लिए आगे नहीं आता है तो उसकी एडवांस राशि सरकार के खजाने में जाएगी और उस नंबर की फिर से नीलामी कर दी जाएगी. नए सिस्टम के तहत अब सोमवार से शनिवार तक वाहनों के नंबरों के लिए बोलियां लगाई जा रही हैं और रविवार को पांच बजे इसका परिणाम भी जारी कर नंबर भी अलाट कर दिए जाते हैं. इस तरह अब यह सिस्टम पहले से सेफ और बेहतर बना दिया गया है.

'पहले के सिस्टम में होते थे फर्जीवाड़े': उल्लेखनीय है कि बीते फरवरी माह में शिमला जिला के कोटखाई में वीआईपी नंबर एचपी 99-9999 के लिए एक व्यक्ति ने ऑनलाइन एक करोड़ से ज्यादा की बोली लगाई थी. यह बोली पूरे देश में चर्चा की विषय बन गई. लेकिन जिस व्यक्ति ने बोली लगाई थी, उसने बाद में यह नंबर नहीं लिया. इससे पहले नंबरों की बोली के लिए परिवहन विभाग कोई एडवांस नहीं लेता था. इस फर्जीवाड़े के बाद विभाग ने ऑनलाइन बोली प्रक्रिया को स्थगित कर अब संशोधित ई-ऑक्शन सिस्टम शुरू किया है, इसके तहत अब किसी भी नंबर के लिए बोली लगाने से पहले उसके लिए निर्धारित राशि का 30% परिवहन विभाग के पास जमा कराना अनिवार्य किया गया है. इसके बाद अगर बोली में नंबर आवंटित होने के बाद वह व्यक्ति नंबर नहीं लेता है तो उसका एडवांस विभाग वापस नहीं करेगा, बल्कि यह राशि सरकारी खजाने में जमा हो जाएगी.

'कई लंबे रूटों पर एचआरटीसी चलाएगा बसें': वहीं, दिल्ली-लेह रूट पर एचआरटीसी के बस चलाने पर डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह देश का सबसे लंबा रूट है जिसमें की 30 घंटे का सफर और 1740 रुपये का किराया निर्धारित किया गया है. इस रूट पर पांच-ड्राइवर कंडक्टर चलते हैं. उन्होंने कहा कि इतने लंबे रूट पर बस चलाना एचआरटीसी के लिए गौरव का विषय है कि वह लोगों को एक रोमांचक सफर दे रहा है. एचआरटीसी अन्य लंबे और महत्वपूर्ण रूटों पर भी बसें चलाने की दिशा में काम कर रहा है. एचआरटीसी ने मंडी के शिकारी देवी के लिए बस शुरू करने का फैसला लिया है. किन्नौर के टापरी से दिल्ली और चिंतपूर्णी से दिल्ली के अलावा एचआरटीसी श्रीनगर और वृंदावन के लिए बस चलाने का भी प्रयास किया जा रहा है.वहीं, इस दौरान डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि शिमला में 20 इलेक्ट्रिक बसों को जल्द ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हरी झंडी दिखाएंगे.

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