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हिमाचल में सरकार बनाने के लिए प्लान-बी पर काम कर रही भाजपा, जानिए, महंगाई ने क्यों डराया पार्टी को

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Published : Dec 6, 2022, 10:09 PM IST

रिवाज बदलने को आतुर भाजपा सत्ता के रण में कुर्सी तक पहुंचने के लिए प्लान-बी पर काम कर रही है. उदाहरण के लिए भाजपा की गाड़ी यदि 32 पर अटक गई और कांग्रेस भी इसी के आसपास रही तो निर्दलीय अपने आप में किंग मेकर हो जाएंगे. ऐसे में किंग मेकर्स की मदद से भाजपा किंग बनने की आस लगाए बैठी है. पार्टी ने विभिन्न स्तरों पर सर्वे करवाए हैं. इन सर्वेक्षणों में पार्टी ने सभी पहलुओं पर जनता का मन टटोला है. कार्यकर्ताओं के मन की बात भी पार्टी ने जानी है.

Himachal Pradesh Assembly Election
हिमाचल में सरकार बनाने के लिए प्लान-बी पर काम कर रही भाजपा

शिमला:रिवाज बदलने को आतुर भाजपा सत्ता के रण में कुर्सी तक पहुंचने के लिए प्लान-बी पर काम कर रही है. पार्टी द्वारा विभिन्न सोर्सिज के जरिए तैयार की गई ग्राउंड रिपोर्ट इशारा कर रही है कि मिशन रिपीट का सफल होना आसान नहीं है. ऐसे में पार्टी सरकार बनाने की जरा सी संभावना को भी जिंदा रखने के लिए प्लान-बी पर काम कर रही है. ये प्लान मुख्य रूप से बागियों और निर्दलीय उम्मीदवारों के मजबूत होने की दशा में काम करेगा.

उदाहरण के लिए भाजपा की गाड़ी यदि 32 पर अटक गई और कांग्रेस भी इसी के आसपास रही तो निर्दलीय अपने आप में किंग मेकर हो जाएंगे. ऐसे में किंग मेकर्स की मदद से भाजपा किंग बनने की आस लगाए बैठी है. पार्टी ने विभिन्न स्तरों पर सर्वे करवाए हैं. इन सर्वेक्षणों में पार्टी ने सभी पहलुओं पर जनता का मन टटोला है. कार्यकर्ताओं के मन की बात भी पार्टी ने जानी है. (Himachal Pradesh Assembly Election)

सर्वे में पाया गया है कि भाजपा की रिवाज बदलने की चाहत आसानी से पूरी होती नहीं दिख रही है. हल्की सी उम्मीद की किरण ये है कि भाजपा सरकार बनाने के आसपास नंबर जुटा सकती है. ऐसे में उसे 35 सीटों तक पहुंचने के लिए अन्यों की मदद की जरूरत पड़ेगी. यही कारण है कि उम्मीद की किरण देखते हुए पार्टी ने सीएम जयराम ठाकुर को शिमला में रहने के निर्देश दिए हैं. (bjp plan b in himachal pradesh)

उधर, एक अन्य दिलचस्प पहलू ये है कि भाजपा को ओपीएस की बजाय महंगाई का खौफ अधिक है. पार्टी के विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि इस बार 25 फीसदी से अधिक लोग महंगाई को मुद्दा मान रहे थे. बेरोजगारी भी एक अहम मसला था. जिस तरह से कुछ विभागों में नौकरियों के मामले लटके और अदालत की दहलीज तक पहुंचे, उससे युवाओं में नाराजगी थी.

वहीं, ओपीएस को पार्टी के विभिन्न सर्वेक्षणों में खास खतरा नहीं बताया गया. उसका कारण ये भी संभव है कि अपने कार्यकाल के आखिरी दौर में सरकार ने विभिन्न जिलों में कर्मचारी मिलन कार्यक्रम किए और उनमें काफी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए. ये पार्टी का आकलन है कि ओपीएस का अधिक मसला नहीं है, लेकिन सरकारी कर्मियों की बात करें तो उनके लिए एकमात्र मसला ही ओपीएस था. फिलहाल, भाजपा ने जो सर्वे किया है, उसमें पार्टी को अधिकतम 32 सीटें मिलने के आसार जताए गए हैं. ऐसे में पार्टी को प्लान-बी पर काम करना पड़ रहा है.

भाजपा के आंतरिक सूत्रों का कहना है कि हिमाचल में बागियों के मैदान में आने से पार्टी के मुखिया जेपी नड्डा नाराज हैं. दिल्ली में उन्होंने हिमाचल भाजपा के नेताओं से अपनी नाराजगी स्पष्टता से जाहिर की. साथ ही संकेत दिया कि इलेक्शन के परिणाम आने के बाद राज्य में संगठन की सर्जरी की जाएगी. फिलहाल, इस समय सभी को आठ दिसंबर सुबह आठ बजे का इंतजार है. आठ बजे मतगणना शुरु हो जाएगी और दोपहर में 12 बजे तक तस्वीर साफ हो जाएगी कि हिमाचल में रिवाज जारी रहता है या फिर इस बार रिवाज बदलता है. ये भी साफ हो जाएगा कि भाजपा अगर तीस से अधिक सीटें जीतती है और बागी भी उल्लेखनीय संख्या में जीत कर आते हैं तो प्लान-बी को अंजाम तक कैसे पहुंचाना है.

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