हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

Apple Season in Himachal: प्रदेश में लगातार बारिश की सेब पर मार, देरी से शुरू होगा हिमाचल में सेब सीजन

By

Published : Jun 25, 2023, 10:51 AM IST

हिमाचल प्रदेश में इस बार लगाताह हो रही बारिश का असर सेब पर भी पड़ा है. इस बार प्रदेश में सेब की फसल देरी से तैयार होगी. आर्द्रता के कारण सेब पूरी तरह से तैयार नहीं हो पा रहा है. वहीं, बारिश और नमी के कारण सेब के बगीचें में बीमारियां पनपने की भी आशंका बनी हुई है. सेब का उत्पादन भी इस बार पिछले साल के मुकाबले कम है. (Apple Season in Himachal Delay due to Rain)

Apple Season in Himachal Delay due to Rain.
हिमाचल में इस बार सेब सीजन लेट.

शिमला: हिमाचल में इस बार सेब का सीजन देरी से शुरू होने के आसार बन रहे हैं. आम तौर पर निचले इलाकों में जुलाई माह के दूसरे हफ्ते में सेब का सीजन शुरू हो जाता था, लेकिन अबकी बार मौसम सेब के लिए प्रतिकूल बना हुआ है. सेब को तैयार होने के लिए अनुकूल तापमान नहीं मिल पा रहा, जिसकी वजह से इसका आकार पूरी तरह नहीं बढ़ पा रहा है. ऐसे में अगर मौसम इसी तरह आर्द्रता और बारिश वाला बना रहा तो सेब सीजन इस बार करीब दो सप्ताह देरी से शुरू होगा.

हिमाचल में सेब सीजन लेट: हिमाचल में सेब के लिए अबकी बार मौसम अनुकूल नहीं हो पा रहा है. लगातार बारिश और आर्द्रता का मौसम बना हुआ है. प्रदेश में मई माह में भी बारिश होती रही और इस बार तो मई में बारिशों ने रिकॉर्ड ही बना दिया. हालांकि बारिश से बगीचा को पर्याप्त नमी मिल रही है जो कि पौधों और फसलों के लिए जरूरी भी है, लेकिन लगातार बारिश सेब की फसल को तैयार नहीं होने देती. सेब के फल को तैयार होने के लिए एक अनुकूल तापमान की जरूरत रहती है जो कि अबकी बार देखने को नहीं मिल रहा. यही वजह है कि सेब की फल तैयार होने में समय लंबा लग रहा है. अगर इसी तरह का मौसम बना रहा जिसकी संभावना लग रही है तो सेब का सीजन आगे खिसक जाएगा.

हिमाचल में देरी से शुरू होगा सेब सीजन.

30 डिग्री के आसपास तापमान की जरूरत: सेब को तैयार होने के लिए अच्छे तापमान की जरूरत रहती है. इस समय करीब 30 डिग्री सेल्सियस तापमान की निम्न ऊंचाई वाले इलाकों में जरूरत रहती है, जबकि आजकल तापमान इससे कम हो रहा है. अगर कुछ समय के लिए तापमान बढ़ भी जाता है तो फिर यह 22 डिग्री के आसपास ही पहुंच रहा है. इससे सेब को पर्याप्त तापमान नहीं मिल पा रहा और सेब का फल विकसित ही नहीं हो पा रहा है. सबसे ज्यादा दिक्कत उन इलाकों में आ रही है, जहां बारिश ज्यादा होती है और धूप कम निकलती है. इन इलाकों में सेब को तैयार होने में काफी लंबा समय लग सकता है. यही नहीं, जिस तरह का मौसम बना हुआ है, उससे धूप वाले इलाकों में भी फसल समय पर तैयार नहीं हो पाएगी, क्योंकि सेब के लिए जो जरूरी तापमान चाहिए वह नहीं मिला रहा है.

अर्ली वैरायटी का सेब भी इस बार लेट:आमतौर पर सेब की कुछ अर्ली वैरायटी जून माह में ही तैयार हो जाती है. सेब की कई अर्ली वैरायटी जैसे टाइडमैन और रेड जून इस समय तक अपने पूरे आकार में आ जाता था. जून के अंतिम सप्ताह में मंडियों में ये सेब बिकना भी शुरू हो जाता था, लेकिन इन दिनों अर्ली वैरायटी सेब का आकार भी कम है, इससे इनके आने में भी अभी कुछ वक्त लग सकता है.

हिमाचल में सेब उत्पादन हुआ कम.

रायल सेब भी देरी से पहुंचेगा:प्रदेश में सबसे ज्यादा सेब रायल का ही है. इसके सेब मंडियों में आने से ही दरअसल सेब सीजन की असली शुरुआत मानी जाती है. यह सेब तैयार होकर आम तौर 20 जुलाई के आसपास मंडियों में आना शुरू हो जाता है, लेकिन इसमें भी दो सप्ताह से अधिक की देरी की संभावना अबकी बार जताई जा रही है. इस तरह सेब का सीजन निचले इलाकों में जुलाई के आखिर या अगस्त में ही शुरू हो पाएगा. ऐसी स्थिति में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सितंबर माह के आखिर में सेब सीजन शुरू पाएगा.

ये भी पढे़ं:Danger! हिमाचल में सेब पर मंडरा रहा खतरे का बादल, मौसम में बदलाव के चलते घटा उत्पादन

सेब में बीमारियां पनपने की आशंका: बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह की आद्रता वाला मौसम बना हुआ है, उससे न केवल सेब की फसल देरी से तैयार होगी, बल्कि इससे बगीचे में बीमारियों के फैलने की भी आशंका रहती है. लीफ फॉल, स्कैब आदि बीमारियां इस मौसम में बगीचों में पनप सकती हैं. बागवानी विभाग के सेवानिवृत्त संयुक्त एवं बागवानी विशेषज्ञ निदेशक देश राज शर्मा का कहना है कि मौसम अनुकूल न होने से सेब की फसल तैयार होने में अबकी बार समय लग सकता है. उनका कहना है कि आम तौर पर सेब के लिए इन दिनों 30 डिग्री के करीब तापमान की जरूरत रहती है जो कि मिल नहीं रहा. मई माह में भी अधिकांश समय तापमान कम रहा जिसका असर फल तैयार होने पर पड़ा है. उनका कहना है कि इसी तरह का मौसम बना रहा तो सेब सीजन देरी से शुरू होगा.

हिमाचल में 2010 से 2022 तक सेब का उत्पादन: हिमाचल में अबकी बार सेब की फसल भी कम है. पिछले साल के मुकाबले में करीब 40 से 50 फीसदी कम सेब होने की संभावना इस बार जताई जा रही है. साल 2010 में 5.11 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन हुआ था. वहीं, साल 2011 में 1.38 करोड़, 2012 में 1.84 करोड़, 2013 में 3.69 करोड़, 2014 में 2.80 करोड़, 2015 में 3.88 करोड़, 2016 में 2.40 करोड़, 2017 में 2.08 करोड़, 2018 में 1.65 करोड़, 2019 में 3.24 करोड़, 2020 में 2.84 करोड़, 2021 में 3.41 करोड़ और 2022 में 3.36 करोड़ पेटी सेब का उत्पादन हुआ था.

ये भी पढे़ं:HPMC CA Store: एचपीएमसी सीए स्टोर में सेब रखने के रेट तय, एक क्लिक पर जानें रेट

ABOUT THE AUTHOR

...view details