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22 सालों से नियमितीकरण की लड़ाई लड़ रहे NHM कर्मचारी, सीएम को भेजा ज्ञापन

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Published : Feb 7, 2023, 10:14 PM IST

प्रदेश भर में एनएचएम कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं. उनकी मांग है कि उन्हें नियमित किया जाए. इसी मांग को लेकर करसोग इकाई के एनएचएम कर्मचारियों ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे महेशराज के माध्यम से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंपा. (NHM employees of Karsog) (Demand for NHM employees Himachal)

NHM employees of Karsog
NHM employees of Karsog

करसोग:प्रदेश में 22 सालों से 2200 एनएचएम कर्मचारी अनुबंध पर कार्य कर रहे हैं. ऐसे में नियमितीकरण को लेकर विधायक के द्वार कार्यक्रम के तहत मंगलवार को करसोग इकाई के एनएचएम कर्मचारियों ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंपा. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे महेशराज के माध्यम से ये ज्ञापन सौंपा गया है. इस अवसर पर करसोग इकाई के प्रधान लोभ सिंह, उपप्रधान डॉ. सुनीता, सचिव राकेश, कोषाध्यक्ष भागवती सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे.

22 सालों से नियमितीकरण की लड़ाई लड़ रहे कर्मचारी: स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत स्वास्थ्य समितियों के (एनएचएम) कर्मचारी 22 सालों से लोगों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं. हैरानी की बात है कि बहुत से कर्मचारी अब सेवानिवृति के करीब बैठे हैं, लेकिन सरकार ने एनएचएम कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर कोई पॉलिसी नहीं बनाई है. ऐसे में ये कर्मचारी सालों से अनुबंध पर कार्य करने को मजबूर हैं. जिसको देखते हुए प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अब कर्मचारियों ने विधायक के द्वार कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम चलाया है.

कांग्रेस सरकार ने 2016 में जारी की थी अधिसूचना: प्रदेश में 2016 में कांग्रेस सरकार ने एनएचएम कर्मचारियों को नियमितीकरण को लेकर अधिसूचना जारी की थी. इसे मेडिकल कॉलेज में तो लागू किया गया, लेकिन हेल्थ सोसाइटियों के तहत एनएचएम कर्मचारियों की इससे वंचित रखा गया. ऐसे में आज तक एनएचएम कर्मचारी पॉलिसी बनाए जाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

एड्स सोसायटी के तहत 166 कर्मचारी: एड्स कंट्रोल सोसायटी के कर्मचारी पहले ही नियमितीकरण की मांग को लेकर हेल्थ मिनिस्टर से मिल चुके हैं. प्रदेश में एड्स कंट्रोल सोसायटी के तहत कुल 166 कर्मचारी 15 सालों से अनुबंध पर कार्य कर रहे हैं.

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