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International Dussehra Festival Kullu: कुल्लू दशहरा उत्सव में तैनात होंगे 300 कर्मचारी, इस बार रात को होगी शहर की सफाई

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 1:47 PM IST

जिला कुल्लू में 24 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव मनाया जाएगा. इसके लिए नगर परिषद कुल्लू भी तैयारियों में जुट गया है. कुल्लू दशहरा उत्सव में 300 सफाई कर्मचारी सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभालेंगे. (International Dussehra Festival Kullu 2023)

Municipal Council Kullu
नगर परिषद कुल्लू

कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के मैदान में जहां 24 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाएगा. वहीं, नगर परिषद कुल्लू भी दशहरे को लेकर तैयारी में जुट गया है. इस बार अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान साफ-सफाई रात 12:00 से लेकर सुबह 5:00 बजे तक की जाएगी. शहर में दशहरे के दौरान सफाई व्यवस्था का जिम्मा 300 कर्मचारियों के कंधों पर होगा.

बेसहारा पशुओं को गौ सदन में रखा: पहली बार दशहरा उत्सव में सफाई रात के समय में करने का फैसला लिया गया है, ताकि देवी देवताओं के साथ आए लोगों व व्यापारियों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े. इसके अलावा नगर परिषद कुल्लू के द्वारा ढालपुर व उसके आसपास घूम रहे बेसहारा पशुओं को भी हटाने का निर्णय लिया गया है. इन सभी बेसहारा पशुओं को गौ सदन में रखा जाएगा. जिससे दशहरा उत्सव के दौरान बेसहारा पशुओं की परेशानी सामने न आए.

रात को चमकेंगी कुल्लू की गलियां: नगर परिषद कुल्लू के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत ने बताया कि पहली बार अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान 300 कर्मचारी रात 12:00 के बाद सफाई अभियान शुरू करेंगे. इससे पहले सुबह के समय सफाई करते हुए देवी देवताओं के साथ आए लोगों को भी परेशानी होती थी और व्यापारियों को भी दिक्कतें होती थी. ऐसे में नगर परिषद कुल्लू द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया है और 300 कर्मचारियों के साथ-साथ नगर परिषद कुल्लू के अन्य कर्मचारी भी ड्यूटी पर तैनात रहेंगे, ताकि पूरे शहर में सफाई व्यवस्था बनी रहे.

पहली बार 100 कुत्तों की नसबंदी: गोपाल कृष्ण महंत ने बताया कि नगर परिषद कुल्लू के द्वारा पहली बार 100 कुत्तों की नसबंदी भी की गई है. एक संस्था के साथ मिलकर इस कार्य को अंजाम दिया गया और नगर परिषद कुल्लू के द्वारा ही बजट का प्रावधान किया गया. सभी कुत्तों की नसबंदी कर उनके स्वास्थ्य की देखभाल की गई और जहां से उन्हें पकड़ा गया था. वहीं, पर उन्हें अब वापस भी छोड़ा जा रहा है. बेसहारा पशुओं के लिए भी लंका बेकर के गोसदन में व्यवस्था की गई है, ताकि दशहरा उत्सव में बेसहारा पशुओं के चलते भी लोगों को परेशान ना होना पड़े.

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