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अटल टनल की सुरक्षा अब हिमाचल पुलिस के हवाले, निगरानी तंत्र से मैनेज होगी ट्रैफिक

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Published : Oct 9, 2020, 8:54 AM IST

गुरुवार को मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अटल टनल रोहतांग की सुरक्षा का जिम्मा अब हिमाचल प्रदेश पुलिस को देने का फैसला लिया गया. टनल का मेंटेनेंस बीआरओ के पास रहेगा. कैट प्लान के तहत बीआरओ से मिलने वाले 12 करोड़ से लाहौल की तरफ पौधरोपण किया जाएगा जबकि टनल निर्माण के दौरान आसपास बनाए गए बीआरओ की रिहाइशों को हिमाचल पुलिस इस्तेमाल करेगी.

अटल टनल
अटल टनल

कुल्लू:देश के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अटल टनल रोहतांग की सुरक्षा का जिम्मा अब हिमाचल प्रदेश पुलिस संभालेगी. यह फैसला गुरुवार को मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया. बैठक में गृह, वन, सेना, बीआरओ, आईबी और पुलिस अधिकारी शामिल हुए. बैठक में फैसला लिया गया कि पुलिस टनल के अंदर व बाहर और उत्तर व दक्षिण पोर्टल पर स्थायी सुरक्षा तंत्र खड़ा करेगी. टनल का मेंटेनेंस बीआरओ के पास रहेगा.

वाहनों में खासकर सेना के रसद और आयुध के अलावा पेट्रोलियम पदार्थों के आवागमन को लेकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के तहत ही आने-जाने की अनुमति दी जाएगी. इस दौरान पुलिस इन वाहनों को टनल पार करने के लिए एस्कार्ट करेगी. कैट प्लान के तहत बीआरओ से मिलने वाले 12 करोड़ से लाहौल की तरफ पौधरोपण किया जाएगा जबकि टनल निर्माण के दौरान आसपास बनाए गए बीआरओ की रिहाइशों को हिमाचल पुलिस इस्तेमाल करेगी.

वहीं, टनल के अंदर सुरक्षा व्यवस्था के लिए बीआरओ और पुलिस के नोडल अधिकारी काम करेंगे. आधुनिक तकनीक वाले निगरानी तंत्र की मदद से ट्रैफिक को मैनेज किया जाएगा. बैठक में पुलिस के भेजे सुरक्षा प्रस्ताव को भी सैद्धांतिक अनुमति दे दी गई है.

मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने बताया कि कैबिनेट की आने वाली बैठक में पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है. बैठक में डीजीपी संजय कुंडू के अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन संजय गुप्ता, सेना, सीमा सड़क संगठन के अलावा कुछ खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हुए.

बड़ा पर्यटन केंद्र होगी अटल टनल

जम्मू-कश्मीर की जवाहर टनल की तरह पर पहले सेना इस टनल की सुरक्षा संभालने पर विचार कर रही थी, लेकिन हिमाचल पुलिस की दलील थी कि यह टनल कुछ वाहनों के गुजरने के लिए नहीं बनी है. इस टनल के आसपास पहले से ही पर्यटन स्पॉट है और आने वाले समय में यह एक बड़ा पर्यटन केंद्र बन सकता है. ऐसे में आसपास के क्षेत्र की व्यवस्था भी पुलिस को संभालनी होगी.

ट्रैफिक व्यवस्था का जिम्मा भी संभालेगी पुलिस

वाहनों की संख्या भी दो लाख तक बढ़ाई जा सकती है. ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था का भी जिम्मा पुलिस को संभालना होगा. इसके चलते टनल के अंदर व बाहर की भी सुरक्षा पुलिस को दी गई है. केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों ने इस दलील को माना और तय हुआ कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियां टनल को लेकर अपनी सूचनाएं पुलिस के साथ साझा करेंगी.

पढ़ें:अटल टनल से पहली बार गुजरा सेना का काफिला

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