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माउंट एवरेस्ट से भी मुश्किल माउंट पुमरी को फतह कर वापस मनाली लौटे हेमराज, लोगों ने किया स्वागत

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Published : May 28, 2021, 3:13 PM IST

जिला कुल्लू के एक छोटे से गांव सोलंग के निवासी हेमराज पर आज हर एक भारतीय को गर्व है. नेपाल की माउंट पुमरी चोटी को फतह करने के बाद हेमराज अब वापस मनाली लौट आए हैं. विशेषज्ञों के अनुसार यह चोटी तकनीकी रूप से माउंट एवरेस्ट से भी मुश्किल मानी जाती है. हेमराज ने अपनी प्रतिभा और साहस के दम पर यह सफलता हासिल की है.

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फोटो.

कुल्लू: नेपाल की माउंट पुमरी चोटी को फतह करने के बाद हेमराज अब वापस मनाली लौट आए हैं. हेमराज दिल्ली से हवाई उड़ान के माध्यम से भुंतर हवाई अड्डा पहुंचे. जहां पर साहसिक खेलों से जुड़े खिलाड़ियों व अन्य संगठनों के द्वारा उसका भवय स्वागत किया गया. हेमराज पहले भारतीय हैं जिन्होंने माउंट पुमरी को फतह किया है.

अंतरराष्ट्रीय पटल पर नाम दर्ज

जिला कुल्लू के एक छोटे से गांव सोलंग के निवासी हेमराज ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन उनका नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर इस तरह लिखा जाएगा. 10 मई 2021 को दोपहर 2:35 पर हेमराज ने नेपाल के माउंट पुमरी को फतह किया. इस पर्वत को एवरेस्ट को फतह करने के जितना मुश्किल मना जाता है. किसान परिवार में पले बढ़े हेमराज को पर्वतारोहण का शौक बचपन से ही था.

वीडियो.

मनाली में ही हासिल की पर्वतारोहण कला

कॉलेज की पढ़ाई तक हेमराज ने अपने इस शौक को कभी करियर बनाने के बारे में सोचा भी नहीं था. पर्वतारोहण के इस शौक के साथ-साथ वो पढ़ाई लिखाई में भी काफी अच्छे रहे हैं. उन्होंने पर्वतारोहण के इस शौक को प्रोफेशनल तरीके से करने के लिए मनाली में ही स्थित पर्वतारोहण संस्थान में बेसिक और एडवांस कोर्स को पूरा कर अपनी पर्वतारोहण की कला में और अधिक दक्षता हासिल की है. इसी दौरान इंडियन माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट (Mountaineering Institutes in India) द्वारा पूरे भारतवर्ष में एक अभियान चलाया गया जिनमें संस्थान ने पूरे भारतवर्ष से लगभग 350 लड़कों को पर्वतारोहण के लिए चुना.

350 में से 100 लड़के हुए शॉर्टलिस्ट

पूरे भारतवर्ष से चुने गए 350 लड़कों में से केवल 100 लड़कों को शॉर्टलिस्ट किया गया जिनमें कुल्लू मनाली से हेम राज, राजेश ठाकुर और चमन भी शामिल थे. इन सभी लड़कों की ट्रेनिंग नवंबर 2020 में उत्तराखंड में हुई. जिसमें आखिरकार 30 लड़कों को शॉर्टलिस्ट किया गया और इन 30 लड़कों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसी ऐसी चुनौतियों के लिए तैयार किया गया जिसे इससे पहले किसी ने पार नहीं किया था.

अन्य चोटियों पर फतह करने की तैयारी में हेमराज

पर्वतारोही हेमराज का कहना है कि सभी लोगों की मदद से वह इस अभियान को पूरा कर पाए हैं. वहीं, इस अभियान को सफल बनाने में उनकी टीम के सदस्यों का भी काफी साथ रहा है. आने वाले दिनों में भी अब वह दुनिया के अन्य ऊंची चोटियों को भी फतेह करने का सपना पूरा करेंगे.

हेमराज पर हर एक भारतीय को गर्व

विशेषज्ञों के अनुसार यह चोटी तकनीकी रूप से माउंट एवरेस्ट से भी मुश्किल मानी जाती है. हेमराज ने अपनी प्रतिभा और साहस के दम पर जो हासिल किया उस पर हर भारतीय को आज गर्व है. हेमराज की इस उपलब्धि पर क्षेत्र के लोगों ने खुशी जताई है और इस उपलब्धि पर उन्हें ढेर सारी बधाइयां दी हैं.

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