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कोरोना पॉजिटिव पूर्व CM शांता कुमार ने FB पर लिखी भावुक पोस्ट, अंत में लिखा 'होइहि सोइ जो राम रचि राखा'

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Published : Dec 26, 2020, 8:29 PM IST

पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार परिवार समेत कोरोना पॉजिटिव आते ही शनिवार को डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में दाखिल हो गए. अस्पताल से उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक भावुक संदेश लिखा है.

Former CM Shanta Kumar wrote an emotional post on Facebook
पूर्व सीएम शांता कुमार (फाइल फोटो)

पालमपुर: पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार परिवार समेत कोरोना पॉजिटिव आते ही शनिवार को डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में दाखिल हो गए. अस्पताल से उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर एक भावुक संदेश लिखा है.

शांता कुमार ने लिखा है कि 'मेरा पूरा परिवार कोरोना संकट के मोड़ पर आ खड़ा हुआ है. मैं ही क्यों आज पूरा विश्व इस अभूतपूर्व त्रासदी से जूझ रहा है. विश्व इतिहास का यह पहला संकट पता नहीं कब टलेगा'. शांता कुमार ने लिखा है, 'मेरी धर्मपत्नी तीन दिन से कोरोना पीड़ित हैं और टांडा अस्पताल में है आज मैं भी यहीं उसके पास आ गया. तीन दिन के बाद मुझे देखकर वह मुस्कुराई सजल नेत्रों से हमने एक दूसरे को देखा'.

शांता कुमार की फेसबुक पोस्ट.

बहुत जल्दी हम दोनों स्वस्थ होकर पालमपुर पहुंचेंगे

'लगभग एक घंटा उसके पास बैठा. हम दोनों एक दूसरे को देखते रहे, अधिक कह ना सके परंतु बिना कहे भी ना जाने कितना कुछ कहते और सुनते रहे. शांता कुमार ने कहा कि वह अब दूसरे भवन में टांडा में ही उपचाराधीन हैं और पता नहीं कितना समय यहां रहेंगे और क्या कुछ होगा. वैसे मैंने संतोष को कहा कि बहुत जल्दी हम दोनों स्वस्थ होकर पालमपुर पहुंचेंगे.

उन्हें खेद है कि वह कार्यक्रम में भाग नहीं ले सके

शांता आगे लिखते हैं कि 'शनिवार को हिमाचल सरकार के तीन वर्ष, पूरे होने पर उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने शानदार तीन वर्ष पूरे किए और उनकी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात हुई, लेकिन उन्हें खेद है कि वह कार्यक्रम में भाग नहीं ले सके.

शांता कुमार ने भारतीय जनता पार्टी को और सरकार को तीन वर्ष की उपलब्धियों पर बहुत-बहुत बधाई दी है. शांता के अनुसार, 'पिछले कल आदरणीय अटल जी के जन्मदिन पर लखनऊ विश्वविद्यालय ने अटल जी पर एक बहुत बड़ा वर्चुअल कार्यक्रम रखा था मेरा मुख्य भाषण रखा था मैं बहुत कुछ कह कर अटल जी को श्रद्धांजलि देना चाहता था, लेकिन कोरोना ग्रस्त होने के कारण नहीं कर सका'. इसके साथ ही उन्होंने अपनी बात राम चरित मानस की एक चौपाई के साथ खत्म की है, 'होइहि सोइ जो राम रचि राखा'.

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