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प्रशिक्षु अध्यापकों के लिए आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे शिक्षा मंत्री, छात्रों को किया प्रोत्साहित

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Published : Apr 13, 2022, 6:38 PM IST

प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है. शिक्षा के बेहतर विकास के लिए चालू वित्तीय वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए 8412 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है. यह बातें शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर (Education Minister Govind Thakur) ने बुधवार को प्रशिक्षु अध्यापकों के तीन दिवसीय अंतर जिला खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिता के समापन अवसर पर डिग्री कालेज धर्मशाला (Degree College Dharamshala) में कही.

Education Minister Govind Thakur
शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर.

धर्मशाला:प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है. शिक्षा के बेहतर विकास के लिए बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है. चालू वित्तीय वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए 8412 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है. यह बातें शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर (Education Minister Govind Thakur) ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश समग्र शिक्षा द्वारा सभी जिलों के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के प्रशिक्षु अध्यापकों की तीन दिवसीय अंतर जिला खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिता के समापन अवसर पर डिग्री कालेज धर्मशाला (Degree College Dharamshala) में कही.

इस दौरान शिक्षा मंत्री ने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई भी दी. उन्होंने कहा कि धर्मशाला और इस प्रतियोगिता से खिलाड़ी अच्छी यादें संजो कर वापस जाएंगे. उन्होंने कहा कि धर्मशाला जैसे पर्यटन शहर में खेलों का आयोजन बहुत लाभकारी है. क्योंकि इससे खिलाड़ी पर्यावरण के और अधिक निकट आते हैं. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को जीत-हार की परवाह किए बिना खेल भावना से खेल खेलना चाहिए. खेलों में सद्भावना के साथ भागीदारी भी जरूरी है.

शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर.

उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कठिनाइयां जीवन का अभिन्न अंग हैं, लेकिन हमें मुस्कुराते हुए इनका सामना करना चाहिए. उन्होंने कहा कि युवा-विद्यार्थी स्वामी दयानंद सरस्वती की परंपराओं को आगे बढ़ाने का कार्य करें. विद्यालयों की भूमिका पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बताए गए प्रकल्पों पर विद्यालय गंभीरता से कार्य करें. उन्होंने कहा कि विद्यालय शिक्षकों और विद्यार्थियों के समूह बना कर स्वच्छता, प्लास्टिक मुक्त भारत (Plastic free india) और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर कार्य करें.

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