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धर्मशाला: नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को मिली 10 साल कठोर कारावास की सजा

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Published : Sep 26, 2020, 10:27 PM IST

Updated : Oct 4, 2020, 11:03 PM IST

नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने 10 वर्ष के कठोर कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है. 27 अक्तूबर 2015 को इस संबंध में पुलिस थाना लंबागांव में मामला दर्ज हुआ था. पुलिस थाना में अक्षय कुमार उर्फ मांडा निवासी गांव परौन सियोह तहसील धर्मपुर जिला मंडी के खिलाफ नाबालिग के परिजनों ने ममाला दर्ज करवाया था.

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धर्मशाला: नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने 10 वर्ष के कठोर कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है. वहीं, जुर्माना अदा न करने पर दोषी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा. यह सजा विशेष अदालत धर्मशाला के न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने सुनाई है. जिला न्यायावादी राजेश वर्मा ने बताया कि 27 अक्तूबर 2015 को इस संबंध में पुलिस थाना लंबागांव में मामला दर्ज हुआ था. पुलिस थाना में अक्षय कुमार उर्फ मांडा निवासी गांव परौन सियोह तहसील धर्मपुर जिला मंडी के खिलाफ नाबालिग के परिजनों ने ममाला दर्ज करवाया था.

पुलिस को दिए ब्यान में नाबालिग ने बताया था कि 27 अक्तूबर को वह अपनी मासी के घर जा रही थी. इस दौरान जब वह सड़क पर पैदल जा रही थी, तो अक्षय कुमार जोकि उसकी बहन की कक्षा में ही पढ़ता था, ने उसका रास्ता रोक लिया और हाथ पकड़ लिया.

आरोपी ने जब उसके साथ जबरदस्ती की तो उसने इसका विरोध किया, जिस पर आरोपी ने उसके साथ हाथापाई की. इसके बाद वह उसको खींच कर वहां पर स्थित एक बंद दुकान के पीछे झाडियों में ले गया और जबरदस्ती उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया.

आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसको सड़क पर छोड़ दिया. वह अपने गंतव्य की ओर जाने लगी तो आरोपी दोबारा एक कार में अन्य दो युवकों के साथ वहां फिर से आ गया और उसको जबरदस्ती कार में बैठा लिया. इसी दौरान पीड़िता के माता-पिता व अन्य रिश्तेदार वहां पर आ गए और उसको वहां से छुड़ा लिया.

इस पर नाबालिग ने घर जाकर उसके साथ हुए मामले की पूरी जानकारी अपनी माता को दी. इसके बाद आरोपी अक्षय कुमार के खिलाफ पुलिस थाना लंबागांव में मामला दर्ज किया गया.

अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में 20 गवाह पेश किए गए, जिसके आधार पर विशेष अदालत ने आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर उसे 10 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी जिला न्यायावादी राजेश वर्मा, उप-जिला न्यायावादी एलएम शर्मा व विशेष अभियोजक आरडी चौधरी ने की.

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Last Updated : Oct 4, 2020, 11:03 PM IST

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