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स्पीति घाटी में फल फूल रहा बर्फानी तेंदुओं का जीवन, अठखेलियां करते हुए आ रहे नजर

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Published : Feb 17, 2022, 3:46 PM IST

लाहौल स्पीति की स्पीति घाटी के विभिन्न इलाकों में भी बर्फानी तेंदुए का जनजीवन बेहतर तरीके से फल-फूल रहा है. जिसका परिणाम यह है कि यहां आए (Snow Leopard in Spiti Valley) दिन गांव के साथ लगती पहाड़ियों में बर्फानी तेंदुआ अठखेलियां करते हुए नजर आ रहा है. बर्फानी तेंदुआ बहुत ऊंचाई वाले इलाकों में पाया जाता है लेकिन बर्फबारी के कारण खाने की तलाश में यह इन दिनों निचले इलाकों का रुख करते हैं.

Snow Leopard in Spiti Valley
स्पीति घाटी में बर्फानी तेंदुआ

लाहौल- स्पीति:जिला लाहौल स्पीति की वादियां बर्फानी तेंदुए को रास आने लगी है. हालांकि यहां पर बर्फानी तेंदुए पहले से ही मौजूद थे लेकिन अब यहां पर बर्फानी तेंदुआ आए दिन पहाड़ियों पर विचरते हुए नजर आ रहे हैं. तो वहीं, देश विदेश से यहां आने वाले शोधार्थियों के कैमरे में भी इन्हें कैद किया जा रहा है. लाहौल स्पीति की स्पीति घाटी के विभिन्न इलाकों में भी बर्फानी तेंदुए का (Snow Leopard in Spiti Valley) जनजीवन बेहतर तरीके से फल-फूल रहा है. जिसका परिणाम यह है कि यहां आए दिन गांव के साथ लगती पहाड़ियों में बर्फानी तेंदुआ अठखेलियां करते हुए नजर आ रहा है. वहीं, वन विभाग की मानें तो बर्फानी तेंदुए ने स्पीति घाटी के अनुरूप खुद को ढाल लिया है और यहां अब उनकी हलचल अधिक दिखने लगी है. वन विभाग के प्रयासों से घाटी में तेंदुए को अनुकूल वातावरण भी मिला है.

वन विभाग इनकी सुरक्षा व रिसर्च पर करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है. वहीं, स्थानीय लोग भी इनकी सुरक्षा में योगदान दे रहे हैं. स्पीति घाटी में आइबेक्स व ब्लू शीप जैसे जंगली जानवरों के शिकार पर कई तरह के सामाजिक व धार्मिक प्रतिबंध से उनकी भी तादाद बढ़ी है और बर्फानी तेंदुओं (snow leopard in lahaul spiti) को भी आसानी से शिकार मिल जाता है. स्पीति घाटी में किब्बर वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी सबसे बड़ी है. इसका क्षेत्रफल 2200 वर्ग किलोमीटर है.

स्पीति घाटी में बर्फानी तेंदुआ

कुल्लू को लाहौल से जोड़ने वाली पिन वैली की वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी 675 वर्ग किलोमीटर है जबकि चंद्रताल सेंक्चुरी 50 वर्ग किलोमीटर तक फैली हुई है. काजा में तैनात सहायक लोक संपर्क अधिकारी अजय बनयाल का कहना है कि स्पीति के साथ लाहौल में भी इस वन्य जीव की प्रजाति फल-फूल रही है. आए दिन बर्फानी तेंदुआ आपस में खेलते हुए नजर आते हैं और अन्य लोग भी आसानी से अपने कैमरे में कैद कर रहे हैं. स्पीति घाटी में बर्फानी तेंदुए सहित आइबेक्स, ब्लू शीप, ब्लैक व ब्राउन बियर बर्फानी लोमड़ी भी पाए जाते हैं. लाहौल स्पीति में बर्फानी तेंदुए काफी पहले से मौजूद है. बर्फानी तेंदुआ बहुत ऊंचाई वाले इलाकों में पाया जाता है लेकिन बर्फबारी के कारण खाने की तलाश में यह इन दिनों निचले इलाकों का रुख करते हैं.

स्पीति घाटी में बर्फानी तेंदुआ
वहीं, तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा का कहना है कि प्रदेश सरकार विलुप्त होते वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए गंभीर है. हिम तेंदुआ अनुसंधान संस्थान स्पीति (snow leopard research institute spiti) में स्थापित किया गया है. ऐसा ही संस्थान लाहौल घाटी में भी स्थापित करने के प्रयास किए जाएंगे. स्थानीय लोगों ने भी विलुप्त होती प्रजातियों के शिकार पर रोक लगाई है और युवक मंडल व महिला मंडल भी इसमें अपना सहयोग दे रहे हैं.
स्पीति घाटी में बर्फानी तेंदुआ.

बता दें कि दुर्लभ वन्य प्राणियों के संरक्षण में हिमाचल से एक अच्छी खबर है. यहां के वनों में विचरण करने वाले दुर्लभ बर्फानी तेंदुए यानी स्नो लेपर्ड का कुनबा निरंतर बढ़ रहा है. हिमाचल में इस समय 73 बर्फानी तेंदुओं का पता चला है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इनकी संख्या जल्द ही 100 का आंकड़ा पार कर जाएगी. बड़ी बात यह है कि बर्फानी तेंदुओं का संरक्षण करने के साथ ही उनके मूल्यांकन की प्रक्रिया अपनाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है. ये आंकड़े सितंबर 2021 तक के हैं.

स्पीति घाटी में बर्फानी तेंदुआ

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