शिमला: शिमला नगर निगम चुनाव के लिए पांच वार्डों के पुनर्सीमांकन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी (High court stayed the re-demarcation of five wards) हैं. सिमी नंदा व अन्य द्वारा दायर याचिकाओं की प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ उपरोक्त अंतरिम आदेश पारित किए. न्यायालय ने 16 अगस्त तक राज्य सरकार, मंडलीय आयुक्त, उपायुक्त शिमला व राज्य चुनाव आयोग से जवाब तलब (Shimla Municipal Corporation elections) किया है.
नगर निगम शिमला के 5 वार्ड में पुनर्सीमांकन पर हाईकोर्ट की रोक, जारी किया अंतरिम आदेश
हिमाचल हाईकोर्ट ने शिमला नगर निगम चुनाव के लिए पांच वार्डों के पुनर्सीमांकन पर रोक लगा दी (Himachal HC stayed the re-demarcation of five wards) हैं. इस मामले में न्यायालय ने 16 अगस्त तक राज्य सरकार, मंडलीय आयुक्त, उपायुक्त शिमला व राज्य चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है. पढ़ें पूरी खबर...
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याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार नाभा फागली टूटीकंडी समर हिल व बालूगंज वार्डों का पुनर्सीमांकन मनमाने तरीके से किया गया है. फागली व टूटी कंडी वार्डों के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए नाभा वार्ड के क्षेत्र को बिल्कुल कम कर दिया गया. पहले की अपेक्षा अब नाभा वार्ड आधा रह गया. फागली वार्ड को इतना बड़ा कर दिया कि नगर निगम के सभी वार्डों की अपेक्षा फागली वार्ड का क्षेत्र अधिक हो गया.
इसके अलावा बालूगंज वार्ड का वह क्षेत्र भी समरहिल में मिला दिया गया जो कि बालूगंज के नाम से ही जाना जाता है. याचिकाकर्ता का यह आरोप है कि राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से इन वार्डों का पुनः सीमांकन किया गया है जो कि कानून की दृष्टि से गलत है. प्रार्थी ने 24 जून 2022 और 8 जुलाई 2022 को मंडलीय आयुक्त शिमला व उपायुक्त शिमला द्वारा पारित आदेशों को रद्द करने की न्यायालय से गुहार लगाई है.