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विंटर क्लोजिंग स्कूलों के छात्र छुट्टियों में भी करेंगे पढ़ाई, सरकार ने तैयार किया विशेष प्लान

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Published : Nov 13, 2021, 9:28 PM IST

देश के विंटर क्लोजिंग स्कूलों (winter closing schools) में 24 दिसंबर से फरवरी महीने के मध्य तक स्कूलों में छुट्टियों (holidays) के चलते छात्रों की पढ़ाई बाधित ना हो इसके लिए सरकार ने योजना तैयार कर ली. शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण लगी पाबंदी से छात्रों को पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ, इसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है.

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सरकार ने तैयार किया विशेष प्लान

शिमला: प्रदेश के विंटर क्लोजिंग स्कूलों (winter closing schools) में 24 दिसंबर से फरवरी महीने के मध्य तक स्कूलों में छुट्टियों (holidays)के चलते छात्रों की पढ़ाई बाधित ना हो इसके लिए सरकार ने योजना तैयार कर ली है. इस योजना के तहत अब छुट्टियों के दौरान भी छात्रों को नियमित रूप से पाठ्यक्रम भेजा जाएगा. अध्यापक छात्रों को व्हाट्सएप ग्रुपों(whatsapp groups) में पाठ्यक्रम भेजेंगे. इस अध्य्यन सामग्री में वीडियो और पहले से तैयार प्रेजेंटेशन (presentation) होंगी.

शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण लगी पाबंदी से छात्रों को पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ ,इसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया कि विंटर क्लोजिंग स्कूलों के छात्रों का सिलेबस (syllabus) पूरा किया जा सके,क्योंकि छुट्टियों के बाद छात्र अगली कक्षाओं प्रवेश लेंगे. ऐसे में पिछली कक्षाओं की पढ़ाई में कमी नहीं रहनी चाहिए.

दरअसल हिमाचल प्रदेश में 10 नवंबर से तीसरी से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए रोजाना खुल गए. प्रदेश शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने कहा कि स्कूलों में कोरोना प्रोटोकॉल (corona protocol) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर कोई छात्र कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो केवल उसी स्कूल को प्रोटोकॉल के अनुसार एक या दो दिन के लिए बंद किया जाएगा. इसके अलावा अगर किसी क्षेत्र में आसपास के स्कूलों में कोरोना संक्रमित बच्चों की संख्या अधिक पाई जाती है तो इसके लिए स्कूलों क्लस्टर बनाए जाएंगे. उसी क्षेत्र के स्कूलों को बंद किया जाएगा. हालांकि, अगर कोरोना संक्रमण के मामले आएंगे तो कौन से स्थानों पर क्लस्टर बनाने की जरूरत है और किन स्कूलों के बंद किया जाएगा इस बारे में फैसला वहां का स्थानीय प्रशासन ही लेगा.

शिक्षा सचिव ने कहा कि स्कूलों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शिक्षा विभाग ने एसओपी जारी की है. जिसके अनुसार स्कूल के कमरे की क्षमता अनुसार पचास फीसदी विद्यार्थियों को ही एक कक्षा में बिठाया जाएगा. शेष विद्यार्थियों की क्लास दूसरे कमरे में लगाई जाएगी. प्रार्थना सभा, खेलकूद सहित एकत्र होने वाली अन्य गतिविधियों पर रोक रहेगी. लंच ब्रेक और आने-जाने का समय कक्षावार अलग-अलग होगा. कक्षाओं में एक बेंच में एक ही विद्यार्थी को बैठाया जाएगा.

प्रदेश में 15 नवंबर से पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए भी स्कूल खुल जाएंगे. राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हुए इस फैसले के बाद राज्य आपदा प्रबंधन की ओर से भी इस बाबत लिखित आदेश जारी कर दिए गए. 11 अक्टूबर से सरकार ने आठवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले थे.उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा निदेशक ने सभी स्कूल प्रिंसिपलों को विद्यार्थियों की क्षमता और कमरों की संख्या के अनुसार माइक्रो प्लान बनाने को कहा गया. शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा. थर्मल स्क्रीनिंग (thermal screening) के बाद ही स्कूल परिसरों में प्रवेश दिया जाएगा. हैंड सैनिटाइजर (hand sanitizer) और साबुन की भी स्कूलों में पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी.

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