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गिरिपार के हाटी समुदाय को एसटी दर्जा देने के विरोध में अब गुज्जर महासम्मेलन का आयोजन

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Published : Sep 21, 2022, 7:47 PM IST

Gujjar Mahasammelan in Kala amb

गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के बाद प्रदेश में गुज्जर समुदाय ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कालाअंब में गुज्जर महासम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे हिमाचल गुज्जर कल्याण परिषद के अध्यक्ष भगवान दास ने कहा कि गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा (Hati community in himachal ) दिए जाने के बाद गुज्जर समुदाय के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने गुज्जर समुदाय को मिलने वाले कोटे को बढ़ाने की मांग की है. मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

नाहन: जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने के बाद अब गुज्जर समुदाय का आंदोलन भी उग्र होने लगा है. बुधवार को औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में गुज्जर महासम्मेलन (Gujjar Mahasammelan in Kala amb) के पश्चात गुज्जर समुदाय के सैकड़ों लोगों ने आक्रोश रैली निकालते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए रोष व्यक्त किया.

गुज्जर कल्याण परिषद जिला सिरमौर के अध्यक्ष हंसराज गुज्जर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा (Hati community in himachal ) दिए जाने के बाद समुदाय के अधिकार प्रभावित होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संविधान के मुताबिक गुज्जर समुदाय को एसटी का दर्जा दिया गया है, लेकिन अब गिरिपार क्षेत्र के लाखों लोगों को एसटी का दर्जा दिए जाने के बाद गुज्जर समुदाय के अधिकार व कोटा प्रभावित हो रहा है.

कालाअंब में गुज्जर महासम्मेलन.

गुज्जर समुदाय को मिलने वाले कोटे को बढ़ाने की मांग: उन्होंने सरकार से मांग की है कि गुज्जर समुदाय के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए जहां उचित कदम उठाए जाएं, तो वहीं गुज्जर समुदाय को मिलने वाले कोटे को भी बढ़ाया जाए, ताकि समुदाय के लोगों को संविधान के अनुसार मिलने वाले लाभ प्रभावित न हो. उन्होंने कहा कि आज सैकड़ों की संख्या में गुज्जर समुदाय के लोग अपनी मांगों के समर्थन में एकत्रित हुए और रोष रैली निकाल सरकार को चेताया गया हैं. अगर जल्द ही गुज्जर समुदाय की मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता, तो आने वाले समय में इसका खामियाजा भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा.

गुज्जर समुदाय की आबादी: बता दें कि गुज्जर समुदाय घुमंतू समुदाय है. गुज्जर का मुख्य व्यवसाय पशुपालन है. सिरमौर जिले में गुज्जर समुदाय की आबादी 10 हजार से अधिक है. आजादी के समय से ही गुज्जर समुदाय को जनजाति (एसटी) का दर्जा मिला हुआ है. वर्तमान समय में गुज्जर समुदाय को 7.5 प्रतिशत आरक्षण मिला हुआ है. अब हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा मिलने के बाद इसका बंटवारा हो जाएगा. ऐसे में गिरिपार के लोगों को राजस्थान की तर्ज पर किसी अन्य वर्ग में शामिल किया जाए.

कालाअंब में गुज्जर महासम्मेलन.

क्या कहते हैं हिमाचल गुज्जर कल्याण परिषद के अध्यक्ष: वहीं, हिमाचल गुज्जर कल्याण परिषद के अध्यक्ष भगवान दास ने बताया कि आज गुज्जर समुदाय के अधिकार प्रभावित (Gujjar community in himachal) हो रहे हैं. गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने के विरोध में समुदाय नहीं है, लेकिन सरकार को गुज्जर समुदाय को दिए जाने वाले अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि आज गुज्जर समुदाय के सैकड़ो लोग यहां एकत्रित हुए और अपनी मांगों के समर्थन में यहां सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया.

हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा मिलने पर विरोध: बता दें कि दलित समुदाय से जुड़े संगठन भी गिरिपार के हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने का लगातार विरोध कर रहे हैं और अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में मोदी सरकार द्वारा हाटी समुदाय को बरसों के बाद एसटी का दर्जा तो दे दिया गया है, लेकिन इसका विरोध भी लगातार हो रहा है.

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